दो बड़े चुनाव, टैक्स सिस्टम में बदलाव और बहुत कुछ... 2025 में होंगी

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नई दिल्ली. आज से नए साल 2025 की शुरुआत हो गई है. इस साल भी बहुत कुछ नया होगा. कई बड़े मौके आएंगे. नए संकल्प होंगे. नई आशाएं और उम्मीदें भी होंगी. भारत में क्या-क्या नया होगा? कौन-कौन बड़े घटनाक्रम होंगे, जो देश की तस्वीर बदलेंगे. पॉलिटिक्स से लेकर धर्म तक और खेल से लेकर विज्ञान तक बहुत कुछ पहली बार होगा, जिन पर सभी की नजरें होंगी. हम आपको सिलसिलेवार बताएंगे.
1. दिल्ली और बिहार में चुनाव
इस साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव हैं. दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी काबिज है और 10 साल से सरकार है. AAP ने 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनाई. 49 दिन बाद इस्तीफा देना पड़ा. उसके बाद फरवरी 2015 में चुनाव हुए तो AAP ने रिकॉर्ड बहुमत 67 सीटें हासिल कीं. 2020 के चुनाव में भी AAP ने 62 सीटें जीतीं और केजरीवाल तीसरी बार सीएम बने. 2024 का साल AAP और केजरीवाल के लिए मुश्किलें लेकर आया. मार्च 2024 में दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल जेल चले गए. सितंबर में जमानत पर बाहर आए तो इस्तीफा दे दिया. उसके बाद आतिशी नई सीएम बनीं. दिल्ली में AAP का मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस से है. दिल्ली में बीजेपी ने सिर्फ 1993 में चुनाव जीता, उसके बाद से वनवास झेल रही है. कांग्रेस ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार तीन चुनाव जीते और सरकार बनाई. बीजेपी फिर सरकार बनाने के लिए ताकत लगा रही है. कांग्रेस के सामने खोए हुए जनाधार को वापस हासिल करने की चुनौती है.
बिहार में एनडीए की सरकार है. जेडीय प्रमुख नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. हालांकि, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. लेकिन अभी तक आत्मनिर्भर नहीं बन सकी है. एनडीए के अन्य सहयोगियों में चिराग पासवान की LJP (R), जीतनराम मांझी की HAM और उपेंद्र कुशवाहा की RLP शामिल है. महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वाम मोर्चा है. RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव के मार्गदर्शन में तेजस्वी यादव पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की कोशिश में लगे हैं. तीसरे मोर्चे के तौर पर प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का उदय भी हुआ है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में हैं. नीतीश के लिए ये चुनाव काफी अहम हैं. वे पिछले तीन दशक से बिहार में सत्ता की धुरी बने हुए हैं. 2022 में उन्होंने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वे कभी महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना लेते हैं तो कभी एनडीए से हाथ मिलाकर कुर्सी पर काबिज हो जाते हैं.
2. छह राज्यों में उपचुनाव
देश के छह राज्यों में उपचुनाव भी होने हैं. इनमें पश्चिम बंगाल, यूपी, जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु, केरल और गुजरात का नाम शामिल है. पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है. तृणमूल सांसद हाजी नुरुल इस्लाम का 25 सितंबर 2024 को निधन हो गया था, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई थी.
इसी तरह यूपी में अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. यहां से विधायक रहे अवधेश प्रसाद अब सपा सांसद बन गए हैं. सपा ने अवधेश के बेटे अजीत को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.
जम्मू कश्मीर की बडगाम विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. 2024 के विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल से चुनाव जीता था. हालांकि, अक्टूबर में उन्होंने बडगाम सीट से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई. वहीं, जम्मू कश्मीर की नगरोटा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. यहां विधानसभा चुनाव में बीजेपी के देवेंद्र सिंह राणा जीते थे, लेकिन चुनाव के कुछ दिन बाद ही बीमारी के चलते राणा का निधन हो गया था.
गुजरात में जूनागढ़ जिले की विसावदार विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होने हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में AAP के भूपत भयानी जीते थे, लेकिन दिसंबर 2023 में वे बीजेपी में शामिल हो गए. चुनाव से जुड़ी याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण विसावदार में उपचुनाव नहीं हो सके थे.
तमिलनाडु की इरोड (पूर्व) विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. दिसंबर 2024 में कांग्रेस विधायक ईवीकेएस एलंगोवन के निधन के कारण यह सीट खाली हो गई है. 
केरल की देवीकुलम विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. यहां माकपा नेता ए राजा विधायक रहे हैं. मार्च 2023 में केरल हाईकोर्ट ने ए राजा का निर्वाचन रद्द कर दिया था. कोर्ट ने राजा को एससी आरक्षण के लिए अयोग्य पाया था. चूंकि उन्होंने एससी समुदाय को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था.
3. RSS के 100 साल पूरे होंगे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं. RSS विजयादशमी के दिन अपना स्थापना दिवस मनाएगा. संघ इस समय  80 से ज्यादा देशों में सक्रिय है और तीन दर्जन से ज्यादा विषयों पर काम कर रहा है. संघ को दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन माना जाता है. RSS का मुख्यालय नागपुर है. साल 1925 में विजयदशमी के दिन 27 सितंबर को संघ की स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. देश में शहर और गांव मिलाकर 50,000 स्थानों पर संघ की शाखाएं हैं और उनसे जुड़े 90 लाख स्वयंसेवक हैं. संघ की पहली शाखा में सिर्फ 5 लोग शामिल हुए थे. देश भर में आरएसएस के हजारों स्कूल, चैरिटी संस्थाएं और विचारों के प्रसार के लिए क्लब हैं. संघ का भगवा ध्वज बेहद अहम है. इसी के नीचे सभी फैसले और संकल्प लिए जाते हैं.
4. महाकुंभ पर फोकस होगा
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन होने जा रहा है. 13 जनवरी से इसकी शुरुआत होगी और 26 फरवरी, 2025 तक चलेगा. 45 दिन तक चलने वाले कुंभ स्नान का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यह मेला हर 12 सालों में एक बार लगता है.  इस दौरान कई सारे शुभ कार्य किए जाते हैं, जिनमें से एक शाही स्नान भी है. यह प्रतिष्ठित उत्सव दुनियाभर के लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है. यूपी सरकार 5435.68 करोड़ महाकुंभ के आयोजन पर खर्च कर रही है. यह राशि 421 परियोजनाओं पर खर्च की जा रही है. जबकि केंद्र सरकार ने भी अपना खजाना खोला है और 2100 करोड़ का विशेष अनुदान स्वीकृत किया है. महाकुंभ में कुल करीब 7500 करोड़ रुपए खर्चा होने का अनुमान है. महाकुंभ पर पूरे देश-दुनिया की नजर है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान कलश से अमृत 12 जगहों पर गिरा था. इनमें 4 जगह धरती पर और 8 स्वर्ग में थी. पृथ्वी की 4 जगहों में प्रयागराज का संगम, हरिद्वार में गंगा, उज्जैन में शिप्रा और नासिक में गोदावरी नदी हैं. हर 12 साल में इन नदियों के किनारे कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. 
5. बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलेगा
बीजेपी 2025 में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी. इस समय बीजेपी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. मंडल से लेकर प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की तैयारी चल रही है. फरवरी 2025 तक नए बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव होने की संभावना है. फिलहाल, जेपी नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्होंने तीन साल का अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है. बीजेपी की राज्य इकाई के करीब 60 प्रतिशत अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. बीजेपी के संविधान में यह प्रावधान है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने से पहले कम से कम आधे राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाने चाहिए. प्रदेश स्तर का बीजेपी का संगठनात्मक चुनाव भी जिला निकायों के निर्वाचन पर निर्भर करता है.
नड्डा ने फरवरी 2020 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला था. चूंकि, अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए नड्डा के कार्यकाल को विस्तार दिया गया था. 
इस साल अक्टूबर में बीजेपी की सदस्यता 10 करोड़ पार कर गई. बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती भी पूरे साल मनाएगी. यह 25 दिसंबर 2024 से 25 दिसंबर 2025 तक चलेगा. इस साल वाजपेयी की जन्मशती है. बीजेपी उनकी जयंती को सुशासन के रूप में पूरे साल मनाएगी.
6. सबसे अमीर कॉरपोरेशन BMC के चुनाव होंगे
मुंबई की सिविक बॉडी यानी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के भी चुनाव होने हैं. इसे एशिया की सबसे अमीर कॉरपोरेशन कहा जाता है. इस चुनाव में महायुति (NDA) और महाविकास अघाड़ी (विपक्षी खेमा) के बीच जंग देखने को मिलेगी. मुंबई में शिवसेना का जलवा देखने को मिलता रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि BMC चुनाव में भी शिवसेना के दोनों खेमा आमने-सामने होंगे और एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे खेमे की शिवसेना के लिए यह चुनाव नाक का सवाल बन गया है. हालांकि, बीजेपी की भी कई इलाकों में अच्छी खासी पकड़ है. ऐसे में बीजेपी की भूमिका भी अहम दिख सकती है. इसके साथ ही महाराष्ट्र में इस साल शहरी निकाय चुनाव भी होने हैं. सत्तारूढ़ महायुति के सामने ये दोनों चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण होंगे और इनके नतीजे बेहद अहम होंगे. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संकेत दिया है कि अगले तीन महीनों में स्थानीय निकाय चुनाव हो सकते हैं. BMC का बजट 59,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है, जो इसे देश का सबसे धनी नगर निगम बनाता है. इसलिए, सभी प्रमुख राजनीतिक दल इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं.
7. टैक्स रेट सिंपलीफाई होकर नया सिस्टम आएगा
देश में टैक्स सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना है, जो इसे सरल और ज्यादा पारदर्शी बनाने पर केंद्रित होगा. सरकार द्वारा नए टैक्स सिस्टम को लागू करने की चर्चा चल रही है, जिसका उद्देश्य टैक्सपेयर्स के अनुभव को बेहतर बनाना और टैक्स प्रशासन को कुशल बनाना है. वित्त मंत्रालय नए इनकम टैक्‍स सिस्‍टम पर काम कर रहा है. नए सिस्‍टम के तहत 125 सेक्‍शन और सब सेक्‍शन समाप्त हो सकते हैं. पुराने आयकर अधिनियम की जगह नया आयकर अधिनियम पेश किया जाएगा. वित्त मंत्रालय इसी साल फरवरी में आगामी बजट में इसकी घोषणा की संभावना पर विचार कर रहा है. वित्त मंत्री आयकर अधिनियम से अनावश्यक धाराओं और उपधाराओं को समाप्त करने का लक्ष्य बना रही हैं. अगर नया सिस्‍टम आता है तो टैक्‍सपेयर्स के लिए यह बड़ा बदलाव हो सकता है. इस बात पर फोकस किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्‍स के दायरे में आएं और यही कारण है कि सरकार नई टैक्‍स व्यवस्था लेकर आई.
टैक्‍स दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान और सरल बनाने की दिशा में भी काम चल रहा है. नए आयकर अधिनियम की समीक्षा और अंतिम रूप देने का काम आने वाले महीनों में पूरा हो जाएगा. सुधार का उद्देश्य कर संहिता को अधिक व्यापक बनाना, अनुपालन बोझ को कम करना और टैक्‍सपेयर्स के लिए स्पष्टता में सुधार करना है. इस बदलाव के तहत एक्‍सपेंडेचर, निवेश, होल्डिंग, संपत्ति, देनदारियों के लिए नई तालिकाएं पेश की जाएंगी, जबकि आय सोर्स के लिए जांच की प्रक्रिया भी पेश हो सकती है. 
8. जनगणना होगी
देश में जनगणना 2025 में ही शुरू होगी और 2026 तक चलेगी. जनगणना चक्र में भी बदलाव आएगा. आने वाले दिनों में पारंपरिक चक्र 2035, 2045, और 2055 में होगा. जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन होगा, जो 2028 तक पूरा हो सकता है.  इससे पहले कोरोना महामारी के कारण जनगणना 2021 को टाला गया था. हाल ही में जनगणना रजिस्ट्रार ने एक आदेश जारी किया था. जिसमें राज्यों को अपने मंडलों, जिलों, सब-डिवीजनों, तहसीलों और गांवों की सीमाएं 31 दिसंबर 2024 तक बदलने की छूट दी थी. पहले यह सीमा 30 जून तक ही थी. जनगणना शुरू कराने के लिए सरकारी सीमाएं सील करना पहली शर्त है.
पहली बार पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी, जहां डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप और टैबलेट का उपयोग किया जाएगा. पेपर-लेस प्रक्रिया से समय और संसाधनों की बचत होगी. डेटा संग्रह 6-9 महीने में पूरा होने की संभावना है. 2026 तक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की जा सकती है.
9. Generation Beta का दौर शुरू होगा
नया साल नया युग लेकर भी आ रहा है. 2025 में Generation Beta का दौर शुरू होगा. मिलेनियल्स, जेन जी और जेन अल्फा के बाद अब Gen Beta का दौर शुरू हो रहा है. जनरेशन बीटा उस पीढ़ी को कहा जाएगा, जिसमें बच्चों का जन्म 2025 से 2039 के बीच होगा. हालांकि, Gen Beta को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं. कुछ का मानना है कि जेन बीटा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) में माहिर होगी, क्योंकि वे एआई के जमाने में पैदा हुए हैं. Generation Beta उन बच्चों को संदर्भित करेगा, जो पूरी तरह से डिजिटल युग में बड़े हो रहे हैं, जहां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), ऑटोमेशन और डिजिटल टेक्नोलॉजी उनके जीवन के हर पहलू में घुलमिल चुके हैं. यह पीढ़ी ऐसे समय में पैदा हो रही है, जब तकनीकी तेजी से आगे बढ़ रही है. AI, रोबोटिक्स और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) उनके दैनिक जीवन का हिस्सा होंगे. डिजिटल डिवाइस उनके बचपन का अनिवार्य हिस्सा बनेंगे. पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों से हटकर AI-समर्थित पर्सनलाइज्ड लर्निंग अपनाई जाएगी.
वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी के जरिए शिक्षण का अनुभव इंटरैक्टिव होगा. लाइफ-लॉन्ग लर्निंग की अवधारणा मुख्य होगी, जहां शिक्षा सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं रहेगी. सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उनकी सामाजिक पहचान पर गहरा प्रभाव होगा. डिजिटल जुड़ाव और वैश्विक संस्कृति के कारण, Generation Beta ज्यादा ग्लोबल माइंडसेट विकसित करेगी. भाषा, भौगोलिक सीमाएं और संस्कृतियों की बाधाएं इनके लिए कम महत्व रखेंगी. इनकी जीवनशैली स्मार्ट होम्स, IoT और डिजिटल वेलनेस टेक्नोलॉजी पर निर्भर होगी. यह पीढ़ी ज्यादा समावेशी और विविधता को स्वीकार करने वाली होगी. सामाजिक मुद्दों पर इनके विचार मौलिक और नवीन हो सकते हैं.
10. चैंपियंस ट्रॉफी पर निगाहें...
2025 में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होना है. यह टूर्नामेंट ICC (International Cricket Council) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसे ODI (One-Day International) प्रारूप में खेला जाएगा. पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) इस टूर्नामेंट की मेजबानी करेंगे. टूर्नामेंट की शुरुआत 19 फरवरी से होगी, जबकि फाइनल 9 मार्च को खेला जाएगा. भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टी-20 विश्वकप के बाद एक और आईसीसी ट्रॉफी उठाने का मौका होगा. इसी साल आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी होना है. भारत इस साल होने जा रहे महिला एकदिवसीय विश्व कप की मेजबानी करेगा. इसके अलावा, भारत पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा. इसका आयोजन 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक नई दिल्ली में होगा.
अंतरिक्ष में निसार उपग्रह लॉन्च करने की तैयारी
भारत इस साल भी अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापति करेगा. भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन पर लोगों की नजरें रहेंगी. देश का पहला मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम 2025 की शुरुआत में रोबोट व्योम मित्र के साथ अंतिम परीक्षण उड़ान से गुजरने के लिए तैयार है. इसके अलावा, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो मार्च 2025 में निसार उपग्रह को लॉन्च करने की तैयारी में जुटे हैं. इस उपग्रह को नासा और इसरो के बीच सहयोग के तहत बनाया गया है. NISAR का मतलब है NASA-ISRO सिंथेटिक अपर्चर रडार. इस उपग्रह को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाना है. यह उपग्रह हर 12 दिन में पृथ्वी की लगभग पूरी भूमि और बर्फ की सतहों की निगरानी करेगा. इसके साथ ही 6 और उपग्रह भी लॉन्च लिए जाएंगे. 
फिल्म फतह से लेकर इमरजेंसी और 'लाहौर 1947' तक
स साल भी कई बड़ी फिल्में पर्दे पर धमाल मचाएंगी और दर्शकों का मनोरंजन करेंगी. 10 जनवरी को सोनू सूद और जैकलीन फर्नांडिस की फिल्म फतह रिलीज होगी. उसके बाद 17 जनवरी को अजय देवगन की फिल्म आजाद रिलीज होगी. 17 जनवरी को ही कंगना रनौत की इमरजेंसी, 24 जनवरी को सनी देओल की  'लाहौर 1947' और अक्षय कुमार की फिल्म 'स्काई फोर्स' बड़े पर्दे पर दिखेगी. सलमान खान की सिकंदर और रणवीर कपूर और आलिया भट्ट की लव एंड वॉर फिल्म भी इसी साल रिलीज होनी है. 

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