उपराष्ट्रपति चुनाव : पीएम नरेंद्र मोदी ने पहला वोट डाला, भाजपा पूरे दिन रहेगी अलर्ट
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की शुरुआत हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पहला वोट डाला है और अब इसके बाद शाम 5 बजे तक मतदान की प्रक्रिया जारी रहेगी। आज ही वोटों की गिनती होगी और देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। यह पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे से खाली हुआ था। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए कैंडिडेट सीपी राधाकृष्णन की जीत इस इलेक्शन में तय मानी जा रही है। लेकिन भाजपा किसी भी तरह से रिलैक्स के मूड में नहीं है। पार्टी क्रॉस वोटिंग रोकना चाहती है और उलटे विपक्षी सांसदों को ही लुभाने की तैयारी है। लेकिन इसके लिए पहले यह जरूरी है कि अपने खेमे को साधे रखा जाए।
अपने सभी सांसदों के वोट राधाकृष्णन को ही पड़ें, इसके लिए भाजपा पूरी तैयारी की है। यहां तक कि अपने सांसदों को जोनवाइज कुल 10 ब्लॉक में बांटा है। इन सांसदों की दिल्ली में निगरानी करने और वोटिंग सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी भी सीनियर मंत्रियों को दी गई है। जैसे दक्षिण भारत से आने वाले भाजपा सांसदों के ब्लॉक का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी करेंगे। इसी तरह उत्तर प्रदेश के सांसदों को पीयूष गोयल डील करेंगे। शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, अर्जुन मेघवाल के अलावा 5 और नेताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है।
ऐसा इसलिए ताकि भाजपा नहीं चाहती कि किसी भी तरह से क्रॉस वोटिंग में उसका ही कोई सांसद दूसरे खेमे को वोट कर आए। इससे नतीजे पर ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन नैरेटिव जरूर प्रभावित होगा। बता दें कि दोनों सदनों को मिलाकर एनडीए के पास कुल 427 सांसद हैं। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस ने भी समर्थन का ऐलान किया है। वहीं बीआरएस और बीजेडी ने वोटिंग से दूर रहने की बात कही है। इससे भी समीकरण पूरी तरह से एनडीए के ही पक्ष में दिख रहा है। बता दें कि जगदीप धनखड़ को 2022 में 346 वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को इससे अधिक वोट हासिल हो सकते हैं।
भाजपा भी अपनी पूरी ताकत दिखाना चाहती है। इसलिए एक-एक सांसद की निगरानी की जा रही है और एक भी वोट बेकार नहीं जाने देने का टारगेट रखा गया है। इन सांसदों के साथ पूरे दिन सीनियर नेता रहेंगे और तय करेंगे कि इनका वोट राधाकृष्णन को ही पड़े। बता दें कि INDIA ब्लॉक के पास फिलहाल 315 वोट ही हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के भी 12 सांसद हैं। इनमें से कम से कम 11 का समर्थन मिल सकता है क्योंकि स्वाति मालीवाल तो पार्टी से अलग हैं।
साभार लाइव हिन्दुस्तान