खनियांधाना जनपद पंचायत के ग्राम बहर्रा के मजरा बागपुरा में जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण, रास्ता और बिजली न होने से बढ़ी मुश्किलें
खनियांधाना जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बुकर्रा के ग्राम बहर्रा मजरा बागपुरा के बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़
मरीज को खटिया पर रख कर ले जाना पड़ रहा इलाज को निकलने को रास्ता तक नही
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही
प्रशासनिक अधिकारी बोले मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है जांच कराएंगे
3 फीट गहरे तालाब नुमा पानी में से निकलना पड़ रहा है गांव वालों को एवं बच्चों को स्कूल , ऊपर से निकली है 33 KV हाई टेंशन लाईन
शिवपुरी से ऋषि गोस्वामी की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के खनियांधाना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम बहर्रा का मजरा बागपुरा आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यहां के निवासियों को अपनी जान हथेली पर रखकर रोजाना तालाब के किनारे से गुजरना पड़ता है, क्योंकि उनके पास आने-जाने के लिए कोई सुरक्षित रास्ता नहीं है। बच्चों को भी इसी खतरनाक रास्ते से गुजर कर स्कूल जाना पड़ता है, जिससे उनकी सुरक्षा पर लगातार खतरा बना रहता है। रास्ता न होने के अलावा, ग्रामीण बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से भी जूझ रहे हैं। यह सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों की जिंदगी को प्रभावित करने वाली एक गंभीर चुनौती है, जिस पर प्रशासन की लगातार अनदेखी बनी हुई है।
खतरनाक रास्ते से मजबूरी
बागपुरा के ग्रामीणों की मुख्य समस्या उनके आवागमन का रास्ता है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले खेतों से होकर एक रास्ता था, लेकिन अब उसे बंद कर दिया गया है। इसके चलते, उनके पास 3 फीट गहरे तालाब नुमा पानी में से होकर निकलने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। " यह रास्ता न सिर्फ संकरा और असुरक्षित है, बल्कि बारिश के मौसम में तो तालाब में गिरने का खतरा और भी बढ़ जाता है। मरीजों को खटिया पर रखकर ले जाना पड़ रहा है इलाज को, क्योंकि निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए भी इसी जोखिम भरे रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता है," जिससे उनकी पढ़ाई और सुरक्षा दोनों प्रभावित होती हैं। बाजार जाने के लिए भी ग्रामीणों को इसी खतरनाक रास्ते का उपयोग करना पड़ता है, जिससे उन्हें हर दिन भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्रशासन की अनदेखी और केंद्रीय मंत्री का संज्ञान
ग्राम पंचायत सरपंच ने भी इस बात की पुष्टि की है कि मजरा वागपुरा के लिए कोई सरकारी रास्ता उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान के लिए कई बार प्रशासन को आवेदन दिए हैं, यहां तक कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पत्र लिखा था। सिंधिया ने 2 अक्टूबर 2024 को इस मामले का संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों को ग्राम बहर्रा तहसील खनियांधाना, जिला शिवपुरी (म.प्र.) से प्राप्त पत्र प्रेषित किया था। इस पत्र में जबरन बंद किए गए रास्ते को खुलवाने और विद्युत व्यवस्था करवाने का आग्रह किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से नियमानुसार कार्रवाई करने और आवेदक को भी अवगत कराने का अनुरोध किया था। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि आज तक इस दिशा में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे उनमें निराशा है। जब प्रशासनिक अधिकारियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है, जांच कराएंगे।"
बिजली की समस्या से भी जूझ रहे ग्रामीण
रास्ते की समस्या के साथ-साथ, मजरा वागपुरा के ग्रामीण बिजली न होने से भी परेशान हैं। सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि गांव के ऊपर से हाई टेंशन लाइन निकली हुई है, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। अंधेरे के कारण उन्हें रात के समय कीड़े-मकौड़ों और सांपों का डर बना रहता है। यह समस्या न केवल ग्रामीणों के दैनिक जीवन को कठिन बना रही है, बल्कि उनकी सुरक्षा पर भी सवाल उठा रही है। बिजली के अभाव में बच्चे रात में पढ़ाई भी नहीं कर पाते और ग्रामीण आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह वंचित हैं।
ग्रामीणों की अपील
वागपुरा के ग्रामीणों ने एक बार फिर प्रशासन से आग्रह किया है कि वे इस गंभीर समस्या का तत्काल समाधान करें। उनकी मांग है कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थायी रास्ता उपलब्ध कराया जाए, जिससे बच्चों और बड़ों की जिंदगी सुरक्षित और सुविधाजनक हो सके। साथ ही, मजरा वागपुरा में विद्युत व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए ताकि ग्रामीणों को अंधेरे और जंगली जीवों के भय से मुक्ति मिल सके और हाई टेंशन लाइन से होने वाले खतरे को कम किया जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं निकालता है, तो उनकी जिंदगी और भी मुश्किल हो जाएगी। वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा।
शिवपुरी से ऋषि गोस्वामी की रिपोर्ट