41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए पांच विकल्पों पर युद्धस्तर चल रहा काम
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग हादसे के बाद से अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए पांच विकल्पों पर युद्धस्तर काम हो रहा है। इनमें सबसे ज्यादा उम्मीद सुरंग में काम कर रही ऑगर मशीन से ही है। ऑगर मशीन टनल के भीतर फंसे मजदूरों के सबसे करीब है। ऑगर मशीन, श्रमिकों से 40 मीटर दूर है, जबकि शेष विकल्पों पर काम कर रही टीमों को मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 से 200 मीटर तक नई टनल बनानी होगी।
रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा करने आए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी ऑगर मशीन के विकल्प को ही ज्यादा आशा जगाने वाला माना। गडकरी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तय सभी पांच विकल्पों पर काम जारी है। इनमें ऑगर मशीन से फंसे मजदूरों तक निसंदेह दो से ढाई दिन में पहुंचा जा सकता है। ऑगर मशीन के रुकने की वजहों का समाधान करते हुए, उसे जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। शेष विकल्पों में वक्त लग सकता है।
गडकरी ने बताया कि 17 नवंबर को ऑगर मशीन रुकने के पीछे वजह सुरंग में मलबा गिरना नहीं बल्कि मलबे में फंसी कोई ऐसी वस्तु है, जिसे मशीन काट नहीं पा रही है। यह कोई चट्टान या मशीन हो सकती है, जिसे भेद कर ऑगर मशीन आगे नहीं बढ़ पा रही है। इससे काम प्रभावित हो रहा है। ज्यादा ताकत लगाने पर मशीन में काफी कंपन हो रहा है। गडकरी ने बताया कि विशेषज्ञ इसका समाधान निकाल रहे हैं। मशीन के ऊपर एक मजबूत शेड तैयार किया जा रहा है। जिससे सुरंग में काम कर रहे लोग सुरक्षित रहें।
साभार लाइव हिन्दुस्तान