नगर में हुआ त्रय मुनिराजो का मंगल प्रवेश
आशीष शर्मा
सनावद–अनेक त्यागियों की नगरी नगर सनावद में रविवार को त्रय मुनिराजो मंगल प्रवेश बासवा से सनावद नगर में हुआ।सन्मति जैन काका ने बताया की चर्या शिरोमणी आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 प्रणय सागर जी महाराज मुनि श्री 108 सर्वार्थ सागरजी महाराजएवं मुनिश्री 108सौम्य सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश धर्मनगरी सनावद में रविवार 13 अप्रैल 2025 को प्रातः 7.00 बजे बासवा की ओर से हुआ जिनकी आगवानी नगर में विराजित अंतर्मुखी मुनि श्री 108 पूज्यसागर जी महाराज सहित सभी समाजजन ने खंडवा रोड से मुनिश्री ने अगवानी की तत्पश्चात त्रय मुनिराजो ने नगर में जैन मंदिरों के दर्शन कर किए पश्चात बड़े मंदिर के सामने स्थित आचार्य शांति सागर वर्धमान देशना संत निलय में सभा की शुरुआत भगवान महावीर स्वामी के चित्र के समकक्ष दीप प्रज्वलन से हुई । दीप प्रज्वलन मुनिश्री प्रणय सागर जी महाराज को बिहार कर रहे संघपति सारंग कुमार जैन सारिका जैन एवं पढरपुर से पधारी दीदियों ने किया मंगला चरण नरेंद्र भारती ने किया ।मुनिश्री पूज्य सागर जी महाराजने अपने उद्बबोधन में कहा की जब दो परिवार आपस में मिलते हे तो निश्चित रुपं से जो सुख की अनुभति होती हे उत्साह होता हे आज हमे भी इस प्रकार के अनुभूति हुई हे की दो संघों के साधुओं का आपस में उठना बैठना इस बात का परिचालक हे की एक संयमी के प्रति एकं संयमी का कैसे आदर सम्मान विनय का भाव होना चाहिए। हमें निश्चित रूप से एकं दुसरे की वैयावर्ती करना ओर वैयावर्ती के साथ विनय का भाव रखना यही साधु के पास आदान ओर प्रदान का कारण बनता हे। जीवन हमारे लिए कितना अमूल्य हे आप लोगों के लिए भी समय अमूल्य हे क्योंकि आगे आठ दिनों तक आप के नगर में साधुओं का समागम मिलने वाला हे आप साधुओं की सेवा वैयावृती आहार करवा कर आप पुण्य का संचय कीजियेगा। इसी क्रम में मुनिश्री प्रणय सागरजी महाराज ने कहा की हमें इस विश्व में इस जीवन में यदि कामयाबी पाना है तो उसका एक मूल मंत्र हे माइंड सेट यदि हमे मोक्ष पाना हे तो भी हमे माइंड सेट करना पड़ेगा। जीवन में लखपति करोड़पति भी बनना हे जीवन में किसी भी क्षण पे कही भी कामयाबी पाना होता उसका मूल मंत्र हे माइंड सेट यदि माइंड सेट नहीं हे तो आप कभी भी कामयाब नहीं हों सकते हे। इसी क्रम में रात्रि में मुनिश्री के द्वारा आनंद यात्रा गुरुभक्ति एवं भक्तों के द्वारा आरती की गई।