Category : Dharm

स्पंदन ( चैतन्य लहरियां ) साक्षात् ओंकार का प्रणव अर्थात् समग्र रूप हैं : श्री माताजी

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भारतीय परंपरा के अनुसार हम अपने बड़ों का चरण स्पर्श करके अथवा प्रणाम करके अभिवादन करते हैं तो बड़े अपने हाथों को हमारे सर पर रख कर या दूर से ही अपना हाथ उठाकर हमें आशीर्वाद करते हैं गुरु और शिष्य के म...

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सहजयोग देता है, संकल्प - विकल्प पर पूर्ण नियंत्रण

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प. पू. श्रीमाताजी निर्मला देवी प्रणित' सहजयोग' एक आंतरिक योग है। इस योग की नींव अपने चित्त पर खड़ी है। पाँच मिनट शांत बैठकर आप अगर आपके चित्त का अवलोकन करेंगे तो आपको पता चल जायेगा कि अपना चित्त जो अपन...

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