ISRO चीफ ने बताया सीमा सुरक्षा के लिए भारत का ‘सैटेलाइट प्लान’

  • Share on :

पहलगाम में हुए आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद लोगों के मन में भारतीय सीमाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल है। प्राकृतिक चुनौतियों से भरी भारत की सीमाओं की सुरक्षा मानवीय रूप से करना बहुत ही चुनौती पूर्ण काम है। ऐसे में इसरो चीफ ने हमारे सैनिकों के भार को कम करने के लिए आगामी तीन वर्षों का सीमा सुरक्षा से जुड़ा एक प्लान साझा किया है। उन्होंने बताया कि आने वाले तीन सालों में सीमा सुरक्षा और तटीय सुरक्षा को कड़ा करने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से 100-150 उपग्रह और जोड़े जाएंगे।
एक कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले को लेकर सीमा सुरक्षा से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए अंतरिक्ष विभाग के सचिव नारायणन ने कहा कि सीमा पर चुनौतियों को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार पेश करने का प्रस्ताव दिया था। इसके तहत हमने इस क्षेत्र में निजी खिलाड़ियों की भागीदारी को भी अनुमित दी है। फिलहाल भारतीय सीमाओं की रक्षा के लिए करीब 55 उपग्रह काम कर रहे हैं लेकिन हम एक ऐसे देश हैं जिसकी तटीय सीमा ही लगभग 7500 किलोमीटर है और हमें इसकी निगरानी 24 घंटे करनी होती है, जमीनी सीमा की सुरक्षा के लिए भी हमें और भी ज्यादा उपग्रह चाहिए तो ऐसे में 55 उपग्रह पर्याप्त नहीं है।
इसरो चीफ ने कहा कि हमें अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए बहुत सारे उपग्रहों की आवश्यकता है, जितने हमारे पास हैं, वह पर्याप्त नहीं है। हमारा मानना है कि आगामी तीन सालों में हम करीब 100 से 150 उपग्रह इस काम में लगाएंगे। इस काम के जरिए देश की निगरानी में और भी ज्यादा सहूलियत होगी और हमारे सैनिकों का काम भी थोड़ा आसान होगा।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper