किसानों के खातों से गायब हुए लाखों रुपए...

  • Share on :

खरगोन। मध्यप्रदेश में खरगोन जिले के बड़वाह ब्लॉक के किसानों के एक निजी बैंक के खातों से अचानक रुपये निकालने का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर फिलहाल छह किसान सामने आए हैं, जिनके खातों से पिछले 15 दिनों में अचानक राशि निकाली गई है। वहीं, इस मामले में बैंक प्रबंधन का कहना है कि किसानों के खाते से जुड़े मोबाइल हैक हुए होंगे, जिसके चलते यह हुआ है।
हालांकि, इस मामले में उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों से बात करके 90 दिनों में राशि वापस करने का आश्वासन दिया है। वहीं, इसको लेकर फिलहाल किसानों ने थाने जाकर मामला तो दर्ज कराया ही है। साथ ही 90 दिन में राशि वापस न आने पर बैंक के सामने धरना देने की भी बैंक प्रबंधन को चेतावनी दी गई है।
खरगोन जिले के बड़वाह ब्लॉक के किसान नगर की IDFC बैंक पहुचे थे। जहां उन्होंने बैंक कर्मियों से अपने खातों से राशि काटे जाने को लेकर चर्चा की। यहां पहुंचे किसानों का आरोप था कि उनके खातों में जमा राशि अचानक गायब हो गई। किसान धर्मेंद्र पिता हरि सिंह पटेल निवासी कपास्थल के खाते से 86350 रुपये, विजय कड़वा के खाते से लगभग 34 हजार रुपये, जितेंद्र नवल सिंह निवासी चंदनपुरा के खाते से 13000 रुपये, राधेश्याम डोड निवासी गंगातखेड़ी के खाते से लगभग 15000 रुपये, कमल सिंह चौहान निवासी बावड़ीखेड़ा के 6000 रुपये सहित एक अन्य किसान के खाते से 25000 रुपये गायब हुए हैं।
इस तरह इन छह किसानों के खातों से लगभग एक लाख 80 हजार रुपये अचानक निकाले गए हैं। बावजूद इसके ब्रांच मैनेजर द्वारा कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब तो नहीं मिला, लेकिन इसके उलट उन्होंने किसानों को ही गलत ठहराते हुए कहा कि आप लोगों की गलती से ही रकम गायब हुई है। इसके बाद किसानों ने पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह तोमर को समस्या से अवगत कराया। तोमर ने IDFC बैंक पहुंचकर ब्रांच मैनेजर शिवम चौहान से चर्चा की तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों से चर्चा कर 90 दिनों में किसानों के खाते में रुपये आने का आश्वासन दिया है।
इधर, इस मामले में आईडीएफसी बैंक प्रबंधन से बात करने पहुंचे भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह तोमर ने बताया कि हमारे आसपास के क्षेत्र के जो किसान लोगों के यहां खाते थे, उनके खातों से पिछले 15 दिनों में अचानक से राशि निकाल ली गई। सबके खातों से अलग-अलग निकाली गई राशि में से जब हमने हिसाब लगाया तो करीब 1 लाख 80 हजार रुपये निकलना दिख रहा है। इसको लेकर जब हमारे किसान बंधुओ ने बैंक मैनेजर से बात की तो उन्होंने उनके मोबाइल को ही हैक होना बता दिया। जबकि न ही इनका मोबाइल हैक हुआ है और न ही उसमें किसी तरह का कोई ओटीपी आया हुआ है।
 साभार अमर उजाला

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper