शिक्षकों के स्थानांतरण पत्र में नया मोड़, कांग्रेस विधायक ने बताया आपसी खींचतान

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जतारा विधायक के वायरल पत्र का मामला :- विधायक हरिशंकर खटीक ने लिखा स्कूल शिक्षा मंत्री को पत्र, वायरल लेटरपेड को बताया फर्जी
पुलिस में शिकायत कर करेगें षडयंत्रकारियों का पर्दाफाश
टीकमगढ। जैसे ही सरकार ने ट्रांसफर पॉलिसी लागू की, वैसे ही  अधिकारियों और कर्मचारियों  ने अपने-अपने ट्रांसफर कराने के लिये आवेदन किए है। लेकिन इसके अलाबा भी राजनेताओं के द्वारा अपने पसंद और नापसंद लोगो को इधर से उधर करने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिसको लेकर जतारा विधायक हरिशंकर खटीक का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हों रहा है। जिसमे करीब 18 शिक्षकों के नाम लिखे हुए है।  जिसमे कुछ शिक्षकों की जिले से बाहर ट्रांसफर की अनुशंसा की गई है। जिसके बाद से जिले से बाहर की गई अनुशंसा बाले शिक्षकों में पत्र वायरल होते ही उदासी का माहौल बन गया। साथ ही इस पत्र के बाद से जतारा विधायक का दूसरीं विधानसभा टीकमगढ में हस्तक्षेप  करने का राजनैतिक गलियारों में बाजार गर्म है। क्योंकि पत्र में कुछ भाजपा समर्थित नेताओ के परिजन शिक्षकों के भी नाम शामिल है। जैसे ही यह पत्र शोसल मीडिया पर वायरल हुआ तो जतारा विधायक हरिशंकर खटीक ने अपनी सफाई में एक पत्र स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि यह उनके पुराने लेटरपेड का किसी ने दुरपयोग कर निष्ठावान अटठारह शिक्षकों को स्थानांतरण करने का षडयंत्रपूर्वक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि अगर यह लिस्ट आपके कार्यालय एवं शिक्षा विभाग में भेजी गई है तो उसे निरस्त किया जाएं। साथ ही लिस्ट में भेजे गए शिक्षकों के स्थानांतरण नही किए जाए। वही अगर बात की जाए इस पत्र के वायरल होने की तो करीब तीन दिन बीत चुके है, जबसे यह पत्र शोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लेकिन इस मामलें में अभी तक पुलिस विभाग में फर्जीवाडा करने बाले व्यक्ति के खिलाफ अभी तक कोई शिकायत दर्ज नही कराई गई है। जिससे फर्जीवाडा एवं षडयंत्र करने बाले व्यक्तियों पर लगाम लग सके। वही शहर के लोगों के बीच एक और चर्चा जोरों पर है कि यह तो सही रहा कि पत्र वायरल हो गया, न जाने और ऐसे कितने पत्र होंगे जो वायरल नही हुए है। जिनके आधार पर कितने विभागों में ट्रांसफ र का भय दिखाकर अधिकारियों-कर्मचारियों से ठगी की गई होगी। और कितने लोग अभी इन ऐसे लेटरपेडों का शिकार होने से रह गए है। अब देखना होगा कि विधायक इस पत्र को फर्जी और षडयंत्रकारियों की साजिश बताकर इन विरोधियों पर क्या कार्रवाई करवाते है यह जनता देखना चाहती है। और विधायक को भी इस साजिश का पर्दाफाश करना चाहिऐं कि आखिर कौन लोग है जो विधायक की छवि को खराब करना चाहते है और विधायक के लेटरपेड पर फर्जीवाडा कर ठगी का कार्य कर है। 
इनका कहना है-
इस संबध में जब टीकमगढ भाजपा जिलाध्यक्ष सरोज राजपूत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबध में जतारा विधायक और संगठन में बात की जाऐगी। और पता किया जाऐगा कि आखिर यह गलती किसने की है। फिलहाल जतारा विधायक का कहना है कि उनका यह लेटरपेड फर्जी बनाया गया है, जिसको लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज की जाऐगी और ऐसा करने बाले व्यक्ति पर कार्रवाई  जाऐगी। 
इनका कहना है- 
वही इस संबध में जब टीकमगढ विधायक यादवेन्द्र सिंह बुन्देला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह भाजपा विधायकों की आपसी खीचतान का परिणाम है। ट्रांसफर सब ऑनलाईन हो रहे है, इस लेटर की विधायक को जांच करवाना चाहिए। और दोषियों पर कार्रवाई करवानी चाहिए।

 

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