एनएचएआई ने सिर्फ दो स्थानों पर दी रंबल ब्रेकर की अनुमति, बाक़ी खतरनाक क्रॉसिंग अब भी असुरक्षित
निमरानी बायपास रोड़ सहित ग्राम मगरखेड़ी चौराहे पर बनेंगे स्पीड ब्रेकर
शिवकुमार राठौड़ कसरावद
कसरावद. मुम्बई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-52) पर खरगोन जिले का एक छोटा सा हिस्सा —बलकवाड़ा थाना की खलटाका पुलिस चौकी क्षेत्र में आने वाला बारह किलोमीटर क्षेत्र आज हादसों का गढ़ बन चुका है। यह वही इलाका है जहां खरगोन जिले का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र 'निमरानी' स्थित है और यह क्षेत्र न केवल खरगोन जिले के सबसे व्यस्त औद्योगिक क्षेत्र निमरानी को जोड़ता है, बल्कि आम मजदूर और ग्रामीण जनजीवन की मुख्य आवाजाही का मार्ग भी है। लेकिन, राष्ट्रीय राजमार्ग पर मूलभूत सुरक्षा सुविधाओं का अभाव लगातार जानलेवा साबित हो रहा है। मुम्बई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-52) पर स्थित खलटाका चौकी से गुजरने वाले मात्र बारह किलोमीटर हिस्से में बीते छह महीनों के दौरान छोटे बड़े लगभग चालीस सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें अब तक आठ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। ओर दर्जनों लोग घायाल हो चुके है।इन घटनाओं के बाद आखिरकार प्रशासन हरकत में आया और दो स्थानों पर रंबल ब्रेकर निर्माण की अनुमति दी गई है। लेकिन केवल दो ही स्थान निमरानी बायपास और मगरखेड़ी चौराहा पर ही अनुमति आई है।जबकि चिचली फाटा क्रॉसिंग और मराल घाटी स्थित औद्योगिक क्षेत्र के मुख्य द्वार वाली क्रॉसिग जहाँ हाल ही में भी दुर्घटनाएँ हुई हैं वहाँ अभी तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी से कोई अनुमति नहीं मिली है।”इतना ही नहीं, क्षेत्र में सुरक्षा के लिए आवश्यक स्ट्रीट लाइट्स या दुर्घटना की स्थिति में त्वरित राहत देने वाली एम्बुलेंस सुविधा की भी कोई स्वीकृति अभी तक नहीं आई है।वही इस मामले में
पी एस मंडलोई मेंटेनेंस अधिकारी ने बताया की
अभी केवल निमरानी बायपास और मगरखेड़ी चौराहे पर रंबल ब्रेकर की अनुमति मिली है। जबकि चिचली फाटा क्रॉसिंग और मराल घाटी , वहां अब तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी से कोई अनुमति नहीं मिली है।”
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों का कहना है कि प्रशासन तब ही जागता है जब जनहानि हो जाती है। इतने गंभीर आंकड़ों के बाद भी अगर आधे ब्लैक स्पॉट पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही, तो यह लापरवाही नहीं तो और क्या है?"
जनहित में अपील:
नागरिक अब भी प्रशासन से यही मांग कर रहे हैं कि सभी ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा उपाय तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएं और स्थायी रूप से लाइटिंग, रोड़ के सोल्डर, संकेतक बोर्ड, स्पीड कंट्रोल और एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए

