"बंद नंबरों की भरमार – सरकारी और प्राइवेट वेबसाइटों पर जनता हो रही है परेशान!"
रणजीत टाइम्स | विशेष रिपोर्ट |
आज के डिजिटल युग में जहाँ हर सेवा ऑनलाइन उपलब्ध है, वहीं एक गंभीर समस्या उभरकर सामने आ रही है — सरकारी व निजी वेबसाइटों पर दिए गए संपर्क नंबरों में से कई पूरी तरह बंद या आउट ऑफ सर्विस हैं।
चाहे वह बिजली विभाग की हेल्पलाइन हो, ग्राम पंचायत कार्यालय का नंबर हो, या किसी प्राइवेट कंपनी का कस्टमर केयर — बहुत से नंबर काम ही नहीं कर रहे। जनता घंटों कोशिश करती है, लेकिन न कोई रिस्पॉन्स मिलता है और न ही समाधान।
सबसे गंभीर बात यह है कि कई सरकारी पोर्टल वर्षों पुराने लैंडलाइन नंबर दिखा रहे हैं, जो अब निष्क्रिय हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अपडेट नहीं किया गया है। इससे जनता का विश्वास भी डगमगा रहा है।
रणजीत टाइम्स की पड़ताल में यह सामने आया कि कई सरकारी वेबसाइटें जैसे:
बिजली कंपनियों के ज़ोनल कार्यालय
नगर निगम हेल्पलाइन
जनपद पंचायत या ग्राम पंचायत कार्यालय
जिला स्वास्थ्य विभाग
इनमें 70% नंबर या तो "बंद", "डिसकनेक्टेड" या "हमेशा व्यस्त" रहते हैं।
जनता की मांग है कि:
सभी पोर्टल पर नंबरों की मासिक समीक्षा हो
बंद नंबरों की जगह वास्तविक मोबाइल या एक्टिव व्हाट्सएप हेल्पलाइन हों
शिकायत पोर्टल और सोशल मीडिया से फीडबैक के आधार पर अपडेट हो
क्या संबंधित विभागों की नींद अब खुलेगी?
यह सवाल अब हर आम आदमी के मन में है।