खातेगांव थाने में पुलिसकर्मी सोते रहे, जनता एफआईआर के लिए तरसती रही
खातेगांव थाने से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां पुलिस के एक जवान और एक सब-इंस्पेक्टर थाने के थाना प्रभारी के केबिन में लाइट बंद कर सोते पाए गए. यह तब हुआ जब थाने के बाहर सैकड़ों लोग अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए घंटों इंतजार कर रहे थे.
जानकारी के अनुसार, खातेगांव थाना प्रभारी कुछ दिनों से छुट्टी पर हैं, जिसके बाद थाने की जिम्मेदारी एसडीओपी (अनुविभागीय अधिकारी पुलिस) की होती है. हालांकि, एसडीओपी महोदय कन्नौद में पदस्थ हैं और उनकी सीधी निगरानी खातेगांव थाने पर नहीं हो पाती. इसी का फायदा उठाकर थाने के पुलिसकर्मी अपनी मनमानी कर रहे हैं...!
जनता के अनुसार, जब उन्होंने पुलिसकर्मियों को जगाने की कोशिश की, तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि "हमारी ड्यूटी अभी नहीं है, अभी कोई ठाकुर साहब की ड्यूटी है, वह आएंगे और एफआईआर दर्ज करेंगे." यह घटना पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है, खासकर तब जब जनता न्याय के लिए दर-दर भटक रही हो और पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से मुंह मोड़ रहे हों.
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि खातेगांव थाने में जवाबदेही और निगरानी का अभाव है. उच्च अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और जनता का पुलिस पर विश्वास बना रहे.
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