गुना शिवपुरी अशोकनगर में प्रचंड जीत के बाद अग्रवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष राकेश भैया टिल्लू गर्ग एवं उनके परिजनों ने दिल्ली में की ज्योतिरादित्य सिंधिया  से मुलाकात... एक-दूसरे को हाथ जोड़कर किया अभिवादन

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गुना शिवपुरी अशोकनगर लोक सभा सीट : गुना लोकसभा सीट से प्रचंड जीत हासिल करने के बाद उनके समर्थक अग्रवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष  राकेश भैया टिल्लू गर्ग एवं उनके परिजन सिंधिया को बधाई देने दिल्ली पहुंचे. उन्होंने दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की. सिंधिया समर्थक अग्रवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष राकेश भैया टिल्लू गर्ग एवं उनके परिजन और सिंधिया ने हाथ जोड़कर एक-दूसरे का अभिवादन किया. इस दौरान सिंधिया ने गर्ग परिवार से मुलाकात कर सिंधिया ने गर्ग परिवार को उज्जवल भविष्य की बात भी की 

गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट सिंधिया राजपरिवार के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी रही है। इस सीट के अंतर्गत अशोकनगर जिले के साथ ही शिवपुरी और गुना के कुछ हिस्से आते हैं। आठ विधानसभा सीटों में से छह पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। तीसरे चरण में सात मई को यहां वोटिंग हुई थी। इस बार यहां 72.43 प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2019 की बात करें तो इस सीट पर 70.32 प्रतिशत और 2014 में 60.77 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। पिछले चुनावों के मुकाबले बम्पर वोटिंग को सिंधिया के पक्ष में माना जा रहा था,नतीजे ने साबित किया।

जघराने की सीट रही है गुना-शिवपुरी
गुना-शिवपुरी सीट को सिंधिया राजघराने की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। 1957 में सिंधिया परिवार ने पहली बार इस सीट पर चुनाव जीता था। 2002 से 2019 तक ज्योतिरादित्य यहां से चुनाव जीते। हालांकि, 2019 में उन्हें किसी समय करीबी रहे केपी यादव के हाथों पराजय मिली। कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह को टिकट दिया है, जो अशोक नगर से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं। राव यादवेंद्र सिंह के पिता देशराज सिंह भाजपा विधायक रहे हैं। यादवेंद्र को छोड़कर उनके परिवार के ज्यादातर लोग भाजपा में लौट चुके हैं।  

सिंधिया की सबसे बड़ी जीत
2002 में उपचुनाव में भाजपा के राव देशराज सिंह यादव को 4 लाख 6 हजार मतों से हराया था। 2004 में भाजपा के हरिवल्लभ शुक्ला को 86, 360 वोटों से हराया था। 2009 में भाजपा के नरोत्तम मिश्रा को 2 लाख 49 हजार मतों से हराया था। 2014 में भाजपा के जयभान सिंह पवैया को 1 लाख 20 हजार वोटों से हराया था। 2019 में भाजपा के केपी यादव ने उन्हें एक लाख 25 हजार वोटों से हरा दिय था। अब सिंधिया भाजपा से चुनाव लड़े और कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव को पांच लाख 40 हजार वोटों से परास्त किया है।  

किसे कितने वोट
गुना लोकसभा सीट से 15 प्रत्याशी मैदान में थे। भाजपा से ज्योतिरादित्य सिंधिया को 9 लाख 23 हजार 302 वोट मिले हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह यादव को तीन लाख 82 हजार 373 वोट मिले। बसपा के धनीराम चौधरी तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 30 हजार 235 वोट मिले। वहीं गुना सीट से नोटा को 9 हजार 89 वोट मिले हैं।

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