बालकों के सर्वांगीण विकास में सहजयोग अत्यंत सहायक है
'सहजयोग' आज के आपाधापी वाले व्यस्त, और असंतुलित वातावरण में एक महायोग के रूप में स्थापित हो रहा है। सहजयोग में हम हमारा स्थूल शरीर जो पंचज्ञानेन्द्रिय और कर्मेंद्रियों से बना है,को किस प्रकार संतुलित व नियंत्रित किया जाए इसकी दिव्य कला सीखते हैं। हम हमारे जीवन मे विविध समस्याओं से घिरे रहते हैं इनके कारण क्या हैं हम नहीं समझ पाते। हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर हमें सहजयोग में मिल जाता है। आज के लेख मे हम बात करते हैं, सहजयोग ध्यान विद्या विद्यार्थियों को क्यों सिखाई जाए ? मराठी में कहते हैं, 'मुलं म्हणजे देवाघरची फुल'। हाँ बच्चे भगवान का रूप होते हैं क्योंकि वे तथाकथित षडरिपुओं से ( काम क्रोध, मोह, माया, मत्सर,) से
दूर होते हैं, अबोध होते हैं और वर्तमान में जीते हैं, इसलिये उनमें एक आकर्षक चुंबकीय व्यक्तित्व पाया जाता है। लेकिन जैसे ही वे बड़े होने लगते हैं तो सांसारिक भौतिकता उनके अंदर प्रवेश करने लगती है। और जीवन में असंतुलन का प्रारंभ होने लगता है। सहजयोग का अभ्यास यदि बचपन में ही सिखाया जाए तो यह संस्कार उनके बालमन पर अमिट छाप छोड़ देगा। और वे बच्चे जीवन मे आनंदी, संवेदनशील और यशस्वी भावी नागरिक बनेंगे।
जो किशोर व युवा हैं आज के परिप्रेक्ष्य में यदि हम इन पर नजर डालते हैं तो पाते हैं कि कोरोना काल के बाद बच्चों की रूचि टीवी, मोबाइल आदि में बढ़ गई है तथा, पढ़ाई मे थोडे पिछड़ गये हैं। उन्हे संभालना और उन्हे अच्छे संस्कार देना अध्यापक व अभिभावक दोनों के लिए एक एक चुनौती है। सहजयोग ध्यान द्वारा छात्रों की अनेक समस्यायों का समाधान संभव है व अनेक प्रतिष्ठानों द्वारा इसे अपनाया भी जा रहा है। सहजयोग ध्यान न केवल अपने चित्त को शांत और एकाग्र करता है, अपितु ध्यान हमें विवेक, सृजनशीलता, अबोधिता, धीरज, समाधान, आत्मविश्वास, निडरता, वाणीमाधुर्य, व्यवहारिक चतुरता, क्षमाशीलता, प्रेमपूर्ण सहृदयता आदि अनेक गुणों से अलंकृत करता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो तथा वे जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सफल हों सहजयोग में कुंडलिनी जागरण द्वारा आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति के पश्चात् यह सहज ही हो जाता है। सहजयोग पूर्णतः निशुल्क है। इसके अनुभव का एक अवसर स्वयं को तथा अपने बच्चों को अवश्य प्रदान करें।
सहजयोग से संबंधित जानकारी निम्न साधनों से प्राप्त कर सकते हैं। यह पूर्णतया निशुल्क है। टोल फ्री नं – 1800 2700 800 बेवसाइट - sahajayoga.org.in यूट्यूब चैनल – लर्निंग सहजयोगा