पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्या बाई होळकर के जन्म का 300 वे वर्ष के निमित्त आयोजित शिव संकल्प स्वर नांद' कार्यक्रम किया
महेश्वर। सायं 6 बजे राजराजेश्वर मंदिर समीप नर्मदा के घाट पर, पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्या बाई होळकर के जन्म का 300 वे वर्ष के निमित्त आयोजित शिव संकल्प स्वर नांद' कार्यक्रम में मध्यक्षैत्र जिसमें छत्तीसगढ़, मध्यभारत, एवं महाकोशल प्रांत की 90 बहनों ने घोष वादन कर अहिल्याबाई होळकर की मनवंदना की गई। राष्ट्र सेविका समिति ने महिलाओं को स्वसंरक्षण क्षम बनाने के उद्देश्य से तीन आदर्श अपने समक्ष रखे है मातृत्व के लिये जीजामाता, कर्तृत्व के लिये अहिल्याबाई होळकर और नेतृत्व के लिये रानी, लक्ष्मीबाई!घोष वादन में विभिन्न रागों निर्मित 8 स्चनाओं का वादन किया गया। वादिकाओं में कक्षा 4 से लेकर गृहणियां भी सम्मिलित हुई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री रेखा जी राठौड अपर कलेक्टर खरगोन व प्रमुख क्क्ता मान. सुलभाताई देशमुख जो राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय सहकार्यवाहिका है, ने अपने उद्बोधन में 1995 में हैं अहिल्याबाई होळकर की 200 वी पुण्यतिथि पर महेश्वर में आयोजित कार्यक्रम की स्मृतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज 30 वर्ष पश्चात् अहिल्या माता की कर्मभूमि में आयोजित कार्यक्रम निमित्त पुनः आने पर अतीव आनन्द और प्रेरणा की अनुभूति हो रही अपने कर्तव्यों के प्रति जैसे अहिल्याबाई ने सजग रहते हुये अपने प्रजाजनों के लिये कार्य किए सनातन धर्म को चैनन्य प्रदान करने के लिये मुगलो द्वारा विध्वंस किये गये मंदिरों के जीणेध्दार राजकीय कोष से नहीं अपितु स्वयं की व्यक्तिगत कोष से ही खर्च किये, उन्होंने कहा कि 'अहिल्यामाता का प्रशासनिक कौशल, न्यायप्रियता और अपनी प्रजा के प्रति मातृत्व भाव के कारण ही वे अपने व्यक्तिगत दुखो से ऊपर आकर प्रजा की उन्नति, और खुशहाली के लिने कार्य कर पाई उन्होंने स्त्री सशक्तिकरण के लिये जो कार्य आज से 300 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया अतुलनीय है पर्यावरण संरक्षण के लिये जो योजना बनाई अद्वितीय है इन्हीं सभी कार्य कुशलता के कारण और निष्काम कर्म करते रहने के कारण राज योगिनी और कर्म योगिनी कहलाई।इसके साथ ही माननीय सुलभा ताई ने ने अपने उद्बोधन में कहाकि सन् 1936 से राष्ट्र सेविका समिति , भारत को तेजस्वी राष्ट्र के रूप में पुनःस्थापित करने हेतु व्यक्ति निर्माण के कार्य में मैं सतत कार्यरत है इन 90 वर्षों में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपने सेवा प्रकल्पों व अन्य आयामों से योगदान दे रही है 90 वादिकाएं इसीका द्योतक है। अंत से आपने शिवभक्त अहिल्याबाई की कर्मभूमि पर माॅं नर्मदा से यही प्रार्थना की कि आहिल्या माता जैसी कर्तव्य दक्षता भारत की प्रत्येक माता-बहन में प्रतिबिम्बित हो। कार्यक्रम मेंआभार प्रदर्शन मध्यभारत प्रांत की सहकार्यवाहिका माननीय भारती दीदी कुशवाह ने किया। सामूहिक वन्देमातरम् व ध्वजावतरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में केन्द्रिय अधिकारी मा. चित्राताई, मा भाग्यश्री साठ्ये, माननीय मनीषा संत मा० पूनम दीदी गुप्ता माननीय वसुधा दीदी माननीय प्राची पाटील ताई व तीनों प्रांन्तो की प्रांत कार्यवाहिका व प्रांत टोळी उपस्थित रही।