इतिहास का सबसे छोटा टेस्ट मैच, भारत ने सात विकेट से दक्षिण अफ्रीका को हराया

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केपटाउन। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच टीम इंडिया ने सात विकेट से अपने नाम किया। इस मैच में जीत के साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज 1-1 से ड्रॉ करा ली। सीरीज का पहला मैच दक्षिण अफ्रीका ने पारी और 32 रन से जीता था। इस मैच में जीत के साथ ही रोहित शर्मा दक्षिण अफ्रीका में सीरीज ड्रॉ कराने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बन गए। इससे पहले 2011 में महेंद्र सिंह धोनी ने अफ्रीका में सीरीज ड्रॉ कराई थी। भारत ने 31 साल के इतिहास में पहली बार केपटाउन में कोई टेस्ट मैच जीता है।
यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे छोटा मैच रहा, जिसमें कोई टीम विजेता साबित हुई। यह मुकाबला सिर्फ 107 ओवर में खत्म हो गया। इसका मतलब है कि इस मुकाबले में सिर्फ 642 मान्य गेंदें (नो और वाइड बॉल को छोड़कर) की गईं। इससे पहले 1932 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मैच 109.2 ओवर में खत्म हो गया था। यह मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीता था।
लंच से पहले सिमटी द. अफ्रीकी टीम
अपना अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे डीन एल्गर ने जब टॉस जीतकर बल्लेबाजी को चुना तो उन्हें भी नहीं मालूम था कि यहां की पिच बल्लेबाजों के लिए बड़ी मुसीबत बनने जा रहा है। यहां तक भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी कहा कि अगर वह टॉस जीतते तो पहले बल्लेबाजी को चुनते। सिराज ने अपने दूसरे ओवर की दूसरी ही गेंद पर मार्करम (2) को स्लिप में कैच कराया। अगले ओवर में उन्होंने एल्गर (4) को बोल्ड कर दिया। 15 रन के अंदर द. अफ्रीका ने 4 विकेट खो दिए। बेडिंघम (12) और वेरेने (15) ने 19 रन जोड़े, लेकिन सिराज ने इन दोनों को भी आउट कर दिया। शार्दुल की जगह खेलने आए मुकेश कुमार और बुमराह ने लंच से पहले ही प्रथम टेस्ट में पारी और 32 रन से जीतने वाली अफ्रीकी पारी 55 पर समाप्त कर दी।
भारत ने तीसरी बार द. अफ्रीका को सौ से कम स्कोर पर समेटा
सिराज ने तीसरी बार टेस्ट क्रिकेट में पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लिए। द. अफ्रीका तीसरी बार भारत के खिलाफ सौ से कम स्कोर पर आउट हुआ। 2015 में नागपुर में 79 और 2006 में जोहानिसबर्ग में यह टीम 84 रन पर आउट हुई। यह टेस्ट इतिहास में 11वां मौका था जब कोई टीम भारत के खिलाफ 100 से कम स्कोर पर आउट हुई। भारत ने अफ्रीकी टीम को 23.2 ओवर में समेटा, यह सबसे कम गेंदों में उसने किसी टीम को समेटने का अपना रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले उसने द. अफ्रीका को ही जोहानिसबर्ग में 2006 में 25.1 ओवर में समेटा था। द. अफ्रीकी पारी में सिर्फ दो बल्लेबाज दोहरे अंकों में पहुंच सके।
9.4 ओवर में द. अफ्रीकी स्कोर पार किया
शुरुआत भारत की भी अच्छी नहीं रही। यशस्वी (0) को रबादा ने बोल्ड किया, लेकिन रोहित ने तेजी से रन बनाए। भारत ने सिर्फ 9.4 ओवर में द. अफ्रीकी स्कोर को पार कर लिया। उन्होंने गिल के साथ 55 रन की साझेदारी निभाई। यहां रोहित 39 रन बनाकर बर्गर का शिकार बने। गिल ने विराट के साथ 33 रन की साझेदारी, लेकिन बर्गर ने उन्हें भी 36 रन पर आउट किया। बर्गर ने इसके बाद श्रेयस (0) को भी आउट कर दिया। बावजूद इसके चायकाल तक भारत चार विकेट पर 111 रन बनाकर मजबूत स्थिति में था। कोहली 20 और राहुल 0 पर थे।
चायकाल के बाद एकदम से बिखरी भारतीय टीम
चायकाल के बाद वह घटा तो भारत के साथ कभी नहीं हुआ। कोहली और राहुल स्कोर 153 रन तक ले गए। पहले नगीदी ने राहुल (8) को आउट किया। उसके बाद उन्होंने इसी ओवर में अश्विन की जगह खेल रहे रविंद्र जडेजा (0), जसप्रीत बुमराह (0) को आउट किया। रबादा ने अगले ओवर में कोहली (46) को आउट किया। इसके बाद सिराज रन आउट हो गए। अगली ही गेंद पर उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा को आउट कर पारी 153 रन पर समेट दी। रबादा, नगीदी, बर्गर ने तीन-तीन विकेट लिए।
एल्गर ने खेली अंतिम पारी, कोहली ने लगाया गले
द. अफ्रीका को दिन में दूसरी बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला और कप्तान डीन एल्गर का पहले ही दिन बतौर बल्लेबाज टेस्ट कॅरिअर समाप्त हो गए। एल्गर और मार्करम ने दूसरी पारी में अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने 37 रन जोड़े, लेकिन एल्गर 12 रन बनाने के बाद मुकेश की गेंद पर कोहली को कैच दे बैठे। सुबह उन्होंने 4 रन बनाए थे। पवेलियन लौटते वक्त एल्गर को कोहली ने गले लगाया। ज्यादातर भारतीय खिलाडिय़ों ने उनकी पीठ ठोकी। पूरा स्टेडियम और द. अफ्रीकी डे्रसिंग रूम उनके अभिवादन में खड़ा हो गया।
मार्करम के शतक ने बढ़ाया भारत का इंतजार
मैच के पहले दिन 23 गिरने के बाद दूसरे दिन नतीजा आना तय था। पहली पारी में 98 विकेट लेने के बाद भारत की जीत भी लगभग तय दिख रही थी। हालांकि, दूसरे दिन एडेन मार्करम के शतक ने भारत का इंतजार बढ़ा दिया। अफ्रीकी बल्लेबाज ने 103 गेंद में 106 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 176 तक ले गए। उनके अलावा टीम के तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा छू पाए। 12 रन बनाने वाले डीन एल्गर टीम के दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर थे। उनके अलावा बेडिंगहम और मार्को यानसेन ने 11 रन का योगदान दिया।
बुमराह ने किया कमाल
मैच की दूसरी पारी में भारत के लिए जसप्रीत बुमराह ने छह विकेट झटके। उनके अलावा मुकेश कुमार को दो विकेट मिले। सिराज और कृष्णा के हाथ एक-एक सफलता लगी। बुमराह ने छह विकेट लेने के साथ कई रिकॉर्ड बनाए। वह अफ्रीकी धरती पर तीन बार पांच विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बने। उनसे पहले जवागल श्रीनाथ ने ऐसा किया था। अफ्रीकी धरती पर विकेट लेने के मामले में भी वह मोहम्मद शमी को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच गए। बुमराह के नाम 38 विकेट हैं। श्रीनाथ 40 विकेट और कुंबले 45 विकेट उनसे आगे हैं।
भारतीय बल्लेबाजों ने नहीं की देरी
मैच की चौथी पारी दूसरे दिन दूसरे सत्र के साथ शुरू हुई। भारत के सामने जीत के लिए 79 रन का लक्ष्य था और भारतीय बल्लेबाजों ने ज्यादा समय नहीं लिया। रोहित और यशस्वी ने पहली गेंद से ही आक्रामक बल्लेबाजी की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 34 गेंद में 44 रन की साझेदारी की। यशस्वी 23 गेंद में 28 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन तब तक आधा काम हो चुका था। इसके बाद शुभमन गिल भी आउट हुए, लेकिन रोहित और कोहली भारत को जीत के करीब ले गए। अंत में विराट कोहली भी आउट हो गए, लेकिन श्रेयस ने विजयी रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
साभार अमर उजाला

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