।। यदोर्वंशः नरः श्रुत्वा सर्व पापैः प्रमुच्यते ।।
// इंदौर, वार्ड 24 के पार्षद और MiC जीतू जाटव द्वारा अनाधिकृत रूप से यादव सरनेम का दुरुपयोग करने के विषय में समग्र यादव समाज की ओर से अपना स्पष्टीकरण और प्रेस नोट जारी। //
समग्र यादव समाज की ओर से यह स्पष्ट करते है कि :
1) वार्ड क्र. 24 के पार्षद और MiC जीतू जाटव उनके जाति प्रमाण पत्र के अनुसार अनुसूचित जाति चर्मकार समाज से है, जिनका उपनाम (सरनेम) जाटव है और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड क्र. से चुनाव लड़ के पार्षद बने है।
2) ये अपने चर्मकार जाटव समाज (अनु. जाति वर्ग) को मिले आरक्षण और विशेषाधिकार का पूरा उपयोग करते है मगर अपना नाम जीतू जाटव लिखने के बजाय जीतू यादव लिखते है। इस तरह आप हमारे गौरवशाली यादव समाज द्वारा लिखे जाने वाले सरनेम का अनाधिकृत रूप से दुरूपयोग करते है, जो बिल्कुल अनुचित और अनैतिक है।
3) यादव समाज शासन द्वारा बनाए जातिवर्ग में पिछड़े वर्ग में आता है, हम अनुसूचित जाति वर्ग से नहीं आते है। भगवान श्रीकृष्ण के वंशज ‘यादव अहीर समाज’ का अपना एक गौरवमयी इतिहास रहा है। द्वापरकाल में धर्म और अधर्म के बीच पांडव और कौरवों में हुआ युगों का सबसे बड़ा महाभारत युद्ध यादव समाज के रणबांकुरों ने लड़ा था और पांडवो के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के सहयोग से धर्म को विजय दिलाई गई थी। यादव श्रेष्ठ भगवान कृष्ण ने संपूर्ण विश्व को भगवतगीता का आत्मज्ञान दे कर उपकृत किया है। उसी प्रकार यादव समाज ने अपनी विभिन्न शाखाओं के माध्यम से अनेक साम्राज्य विकसित कर के सदियों तक इस देश में शासन किया है। यादवों ने स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से संधि नहीं करते हुए उनसे युद्ध लड़ा है, इसका गौरवमयी इतिहास हमारे इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक हमारे कई प्रदेशों में मुख्यमंत्री और बड़े शक्तिशाली राजनैतिक पदों पर यादव समाज के लोग अपनी योग्यता और पुरुषार्थ से पदस्थ रहे है। म.प्र. के वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव भी यादव समाज से ही है, जिससे यादव समाज का गौरव और अधिक बढ़ा है। इंदौर में भी यादव समाज के लोगों ने शासन प्रशासन, खेलकूद, पहलवानी,राजनीति, व्यापार व्यवसाय सहित अनेक क्षेत्रों में अपनी साख और धाक जमा रखी है, जिससे प्रभावित हो कर आजकल के कुछ छपरी टाइप के युवा लोग अनाधिकृत रूप से हमारे गौरवशाली यादव समाज के सरनेम "यादव" का दुरूपयोग करने लगे है, जिससे यदुवंश के पुण्य प्रताप की थोड़ी गर्मी उनको भी मिल जाती है। उनको यादवों की धाक, वीरता और पुरुषार्थ की वजह से थोड़ा संरक्षण और सम्मान तो मिल जाता है, मगर ये घुसपैठिये हमारे गौरवशाली यादव समाज की गरिमा का संरक्षण नहीं कर पाते हैं, और ये नकली लोग अपनी आदतों और संस्कारों के वशीभूत हो कर उल्टे सीधे काम करके यादव समाज को लजवाने का काम करने लग जाते है और उसी से ये लोग उजागर भी हो जाते हैं।
4) इन नकली यादवों के दुष्कृत्यों से गौरवशाली यादव समाज की गरिमा बहुत प्रभावित होती है,जिसको रोकने के लिए अब हमारा गौरवशाली यादव समाज अति गंभीर हो कर दृढ़ संकल्पित है।
5) पार्षद जीतू जाटव नगरनिगम की महापौर परिषद के सदस्य हो कर सम्मानित पद पर विराजमान है, गौरवशाली यादव समाज के "यादव" सरनेम का उपयोग चोरी से और अनाधिकृत रूप से करना उनके जैसे सम्मानित पद वाले व्यक्ति को बिल्कुल भी शोभा नहीं देता है।
अतः उनसे आग्रह करते है कि अपने वंश और कुल की परंपरा निभाते हुए अपने सम्माननीय चर्मकार समाज के सरनेम "जाटव" का ही उपयोग करें, अपने अच्छे कार्यों से अपने जगप्रसिद्ध चर्मकार समाज को ही गौरवान्वित करें और यादव समाज के यादव सरनेम का अनाधिकृत उपयोग बिल्कुल ना करें। गौरवशाली यादव समाज अपने सरनेम के दुरुपयोग के प्रति चिंतित और गंभीर है।
इसके अलावा, जो भी व्यक्ति हमारे "यादव" सरनेम का अनाधिकृत उपयोग करता मिलेगा,उसके खिलाफ हम कठोर कानूनी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होंगे, यही अनुरोध है।