गंभीर अपराध में साक्ष्य न मिलने पर युवक रिहा

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कोर्ट ने विवेचक और पुलिस आयुक्त को भेजा नोटिस
राजेश धाकड़
इंदौर। आजाद नगर थाना अंतर्गत दर्ज एक पॉक्सो प्रकरण में न्यायालय ने बिना ठोस साक्ष्य गिरफ्तारी को अनुचित मानते हुए आरोपी युवक रवी अलोने (19 वर्ष, निवासी ग्राम भंवरगढ़, कुक्षी) को 25 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय ने विवेचक की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए स्पष्टीकरण हेतु नोटिस जारी किया है।
प्रकरण में दर्ज धाराओं के तहत अपहरण, बलात्कार अथवा किसी प्रकार का यौन अपराध सिद्ध नहीं हुआ। किशोरी ने बताया कि वह स्वयं नाराज़ होकर सहेली के घर गई थी, और उसके साथ कोई अनुचित कृत्य नहीं हुआ। मेडिकल परीक्षण में भी बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई।
केस डायरी अव्यवस्थित रूप में न्यायालय में प्रस्तुत की गई, जिसमें न पेजिंग थी न इंडेक्सिंग। जब अदालत ने विवेचक उपनिरीक्षक प्रियंका बोरा से गिरफ्तारी का आधार पूछा, तो वे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकीं।
न्यायालय ने आरोपी को गैर-जमानती अपराध साबित न होने पर रिहा कर दिया तथा विवेचक को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए। साथ ही, संबंधित पुलिस अधिकारियों को भी नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है।
प्रकरण की पैरवी अधिवक्तागण जितेंद्र गुप्ता, हितेश शर्मा, देवेंद्र पेड्स, सिद्धेश कौशल, आनंद दुबे और दीपक चौहान द्वारा की गई। कोर्ट ने इस मामले की प्रतिलिपि पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि आवश्यक विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

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