उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात होगा एंटी ड्रोन सिस्टम
इंदौर। इस्राइल के युद्ध में आपने कई बार एंटी ड्रोन सिस्टम के बारे में सुना होगा। कुछ इसी तरह का सिस्टम इंदौर में भी बन गया है। इंदौर पुलिस ने वीवीआईपी की सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ और सुरक्षित बनाने के लिए अत्याधुनिक "एंटी ड्रोन सिस्टम डिवाइस" को अपने सुरक्षा तंत्र में शामिल किया है। डेढ़ साल की मेहनत के बाद तैयार की गई इस डिवाइस का परीक्षण हाल ही में कनाड़िया थाने में सफलता के साथ किया गया।
अतिरिक्त डीसीपी अमरेंद्र सिंह चौहान ने परीक्षण के दौरान इस तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि यह डिवाइस हाईराइज बिल्डिंग पर दूरबीनधारी जवानों की तरह एक व्यापक क्षेत्र में नजर रखने में सक्षम है। यह एंटी ड्रोन सिस्टम एक किलोमीटर के दायरे में आसमान में किसी भी अज्ञात ड्रोन या संदिग्ध वस्तु को पहचानने की क्षमता रखता है। जैसे ही कोई ड्रोन या संदिग्ध वस्तु इस दायरे में प्रवेश करती है, इस डिवाइस से एक अलार्म बज उठता है और वह वस्तु की तस्वीर भी कैप्चर कर लेता है। पुलिस विभाग का दावा है कि मध्य प्रदेश में पहली बार इस तरह की उन्नत तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो संभावित खतरे की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।
इस डिवाइस का सबसे पहला उपयोग 12 नवंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इंदौर दौरे के दौरान किया जाएगा। उपराष्ट्रपति अपने इस दौरे में शहर में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और उज्जैन में आयोजित 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह में भी शामिल होंगे। इस मौके पर सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिसमें "एंटी ड्रोन सिस्टम डिवाइस" का प्रयोग पहली बार किया जाएगा। इस नई तकनीक के माध्यम से इंदौर पुलिस उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होने देना चाहती है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह, डीसीपी जोन 2 अभिनय विश्वकर्मा और पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने इस परीक्षण के दौरान इस तकनीक को सफलतापूर्वक परखते हुए डिवाइस बनाने वाली टीम की सराहना की। इस नई तकनीक से पुलिस विभाग को न केवल वीवीआईपी सुरक्षा बल्कि विभिन्न प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी बेहतर सुरक्षा देने में मदद मिलेगी।
यह डिवाइस तकनीक के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि आज के समय में ड्रोन के बढ़ते उपयोग के कारण सुरक्षा में जोखिम बढ़ गए हैं। ऐसे में, इंदौर पुलिस का यह प्रयास अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीक को अपनाने और शहर को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस डिवाइस के निर्माण में "पिसर्व टेक्नोलॉजी" के विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस टीम में कंपनी के सीईओ अभिषेक मिश्रा के साथ दुर्गेश शुक्ला, रोशनी शुक्ला और अक्षत सिंह चौहान भी शामिल रहे। उनके सामूहिक प्रयास और निपुणता के कारण इस तकनीक का सफल निर्माण और परीक्षण संभव हो पाया है। इस डिवाइस को तैयार करने का उद्देश्य यह है कि किसी भी वीवीआईपी या सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान हवाई सुरक्षा को लेकर एक नया स्तर स्थापित किया जा सके।
साभार अमर उजाला