मप्र सरकार की कैबिनेट बैठक आज, टाउनशिप, एविएशन, ईवी समेत सात पॉलिसी पर लग सकती है मुहर

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भोपाल। डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार दोपहर 3 बजे मंत्रालय में  कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में टाउनशिप, एविएशन, ईवी, नवकरणीय ऊर्जा, एमएसएमई, हेल्थ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन समेत सात नीतियों और  कई प्रस्ताव पर चर्चा होगी। भोपाल में पहली बार 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) होने जा रही है। इससे पहले सरकार निवेशकों और उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए करीब 21 पॉलिसियों में बदलाव कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार टाउनशिप पॉलिसी पर कैबिनेट में विचार करेगी। नई टाउनशिप पॉलिसी ने उद्योग और आवासीय शहर को एक साथ रखा है। पांच लाख या उससे अधिक की आबादी वाले शहरों में टाउनशिप का क्षेत्रफल 20 हेक्टेयर से अधिक और 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों में 10 हेक्टेयर से अधिक होगा। इस नीति का उद्देश्य एक ही स्थान पर आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र का संयोजन करना है। 10 हेक्टेयर वाली टाउनशिप को ग्रीन बेल्ड जैसे प्रावधानों से छूट मिलेगी। इन टाउनशिप्स में प्रदूषण रहित औद्योगिक क्षेत्र के साथ आवासीय क्षेत्र भी होगा, जिससे लोग घर के पास काम करने में सक्षम होंगे।
सरकार टाउनशिप तैयार करने वाले निवेशकों को विभिन्न प्रकार की छूट देने का प्रस्ताव कर रही है। इसके लिए जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी, जो लाइसेंस, तकनीकी और विभागीय समस्याओं को हल करेंगी। इसके अलावा, सरकार इन टाउनशिप्स के लिए सड़कें, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगी। इन सुविधाओं का खर्च सरकार कॉलोनाइजर से लेगी।
इस नीति के तहत, टाउनशिप्स में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के आवास का निर्माण अनिवार्य होगा। नीति के अनुसार, 15% आवास ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के लिए निर्धारित किए जाएंगे, और निवेशक इस दायरे को बढ़ा सकेंगे, लेकिन यह 15% से अधिक नहीं हो सकेगा। टाउनशिप्स में 10% भूमि ओपन स्पेस के रूप में छोड़नी होगी, जिसमें से 15% भाग को ग्रीनरी के लिए आरक्षित किया जाएगा। यह ग्रीन क्षेत्र टाउनशिप के ओपन स्पेस के हिस्से के रूप में होगा। इस नीति के तहत टाउनशिप्स के फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को 2% तक बढ़ाया जाएगा, जबकि वर्तमान में यह शहरों में 1.25% है। इसके अलावा, एफएआर खरीदने का भी प्रावधान होगा।
मध्य प्रदेश सरकार पहली बार विमानन नीति-2025 ला रही है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में हवाई यात्रा को आसान बनाना और विमानन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत, प्रदेश के हर 50 किमी पर हैलीपेड और 100 किमी पर एयरपोर्ट और 150 किमी पर कमर्शियल फ्लाइट सुविधा स्थापित करना है। रीवा में नए एयरपोर्ट की शुरुआत हो चुकी है। शिवपुरी में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए अनुबंध हो चुका है। वहीं, नीमच, मंडला, शहडोल और छिंदवाड़ा में भी एयरपोर्ट निर्माण की योजना है। विमानन और उपकरण निर्माण में निवेश बढ़ाने के लिए राज्य सरकार छूट देगी। साथ ही, हैलीपेड का निर्माण तहसील स्तर पर किया जाएगा और फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की जाएगी, जहां गरीब और आदिवासी बच्चों को कम फीस में उड़ान की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस नीति से प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
सरकार कैबिनेट में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पॉलिसी को भी मंजूरी दे सकती है। सरकार ने इस बार ईवी पॉलिसी में वाहन खरीदी पर मिलने वाली सीधे नगद सब्सिडी को हटा दिया है। अब सरकार सिर्फ चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर ही छूट देगी। साथ ही अब सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों के अलावा शॉपिंग माल के पार्किंग स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य चार्जिंग स्टेशन के इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रदेश में बढ़ावा देना है। इन स्टेशनों को बनाने पर सरकार डेढ़ लाख, तीन लाख और पांच लाख रुपए तक की छूट देगी। बता दें सरकार के पहले ड्राफ्ट में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदी पर पांच हजार से 10 हजार रुपए तक की छूट देने का प्रस्ताव किया था, लेकिन वित्त विभाग की आपत्ति के बाद इसे हटा दिया गया। इससे सरकार पर पांच साल में तीन हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। 
पर्यटन विभाग का श्यामला हिल्स स्थित लेक व्यू अशोका होटल की लीज बढ़ाने का प्रस्ताव कैबिनेट में आ सकता है। यह जमीन राजस्व विभाग से पर्यटन विभाग ने लीज पर ली है। विभाग की योजना इस होटल की जगह पीपीपी मोड पर 200 कमरों का एक नया होटल बनाने की है। इस प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की बैठक में मोहर लग सकती है।
साभार अमर उजाला

 

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