डॉ. मोहन कैबिनेट ने शिवपुरी जिले में 292 एकड़ भूमि की दी मंजूरी, बनेगा एयरपोर्ट

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भोपाल। प्रदेश में आंतरिक हवाई सेवा विस्तार के क्रम में जल्द ही शिवपुरी की हवाई पट्टी से जल्द ही प्रमुख शहरों के लिए विमान उड़ते नजर आएंगे। मंगलवार को डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने शिवपुरी स्थित शासकीय हवाई पट्टी को एयरपोर्ट में बदलने और एटीआर-72 विमानों के संचालन के लिए भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण को 292 एकड़ भूमि की स्वीकृति दी है। इसके लिए भूमि अधिग्रहित करने एवं मुआवजा राशि का भुगतान किए जाने का निर्णय लिया गया है। बता दें, मध्य प्रदेश का शिवपुरी हवाई पट्टी पर रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत विकास, रखरखाव और संचालन को लेकर भारतीय विमानपत्तन और मध्य प्रद्रेश सरकार के बीच पहले ही समझौता हो चुका है। शिवपुरी शहर ऐतिहासिक और पर्यटन की द्दष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां माधव एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। कूनो में हाल ही लाए गए चीतों और उनकी पुनर्वास के कारण इस राष्ट्रीय उद्यान की पहचान देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है। शिवपुरी में बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक आते-जाते हैं। शिवपुरी में विमान संचालन से पर्यटकों को आवागमन में सुविधा होगी।
कैबिनेट ने "मध्य प्रदेश में पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए योजना 2025" को स्वीकृति दी। पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजना एक प्रकार की ऊर्जा भंडारण प्रणाली है, जिसका उपयोग खासकर सौर और पवन ऊर्जा जैसे अस्थिर ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न होने वाली बिजली को स्टोर करने के लिए किया जाता है। सौर और पवन ऊर्जा स्रोतों से मिल रही ऊर्जा स्थायी नहीं होती, क्योंकि इनका उत्पादन मौसम और समय के हिसाब से बदलता रहता है। इसलिए, ऊर्जा को स्टोर करने की आवश्यकता होती है ताकि जब इन स्रोतों से कम ऊर्जा मिल रही हो, तब भी लगातार बिजली प्रदान की जा सके। हाइड्रो स्टोरेज परियोजना के तहत देश में 96 हजार मेगावाट की क्षमता उपलब्ध है, जिसके विरुद्ध वर्तमान में मात्र आठ पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएं तैयार है। पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजना मुख्यतः तीन प्रकार की होती है  ऑन स्ट्रीम पीएसपी, सेमी ऑफ स्ट्रीम और ऑफ स्ट्रीम पीएसपी।  पंप हाइड्रो स्टोरेज प्रणाली में पानी को जलाशयों में पंप करके स्टोर किया जाता है। जब ऊर्जा की आवश्यकता होती है, तब पानी को नीचे गिराया जाता है, जिससे टरबाइन घुमते हैं और बिजली उत्पन्न होती है।
साभार अमर उजाला

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