वेतन की बाट जोह रहे है अतिथि शिक्षक
नियमित काम करने पर भी वेतन नहीं मिलने से हो रहे है परेशान
झाबुआ : राजेश सोनी
सरकारी स्कूलों में पढाई करा रहे जिले भर के अतिथि शिक्षक 6 माहों से अपनी मानदेय राशि का इंतजार कर रहे है ।अतिथि शिक्षक स्कूल नियमित आ रहे है ,कक्षा में विघार्थियों को पढाने के अलावा अन्य कार्य भी कर रहे है किन्तु वर्ग1, वर्ग 2 एवं 3 को अभी तक वेतन भुगतान नहीं हो पाया है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होकर अपने परिवारों का भरण पोषण करने में कठिनाईयों का सामना करना पड रहा है ।आर्थिक तंगी का सामना कर रहे अतिथि शिक्षकों ने अपनी इस समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के आला अफसरों से भी शिकायत की है किन्तु अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है । गौरतलब है कि म.प्र.के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हर साल रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती करता है ।अतिथि शिक्षकों की भर्ती जीएफएमएस पोर्टल के जरिएऑनलाईन की जाती है ।
ये है स्थिति-
जिले के बामनिया में संकुल केन्द्र शास बालक उ.मा.वि. में अतिथि शिक्षक वर्ग 1,2 एवं 3 के लगभग 16 एवं संकुल केन्द्र कन्या उमावि में वर्ग 1,2,एवं3के लगभग 12 अतिथि शिक्षकों सहित क्षेत्र एवं जिले भर के अतिथि शिक्षकों द्वारा अपने मानदेय वेतन का इंतजार शिक्षा सत्र के आरंभ से किया जा रहा है ।
हो रही परेशानी-
अतिथि शिक्षक ,नियमित वेतन पाने वाले कर्मचारी के लगभग बराबरी के ही संस्था मे कार्य करता है । वर्तमान में माह जुलाई 24 से अब तक मानदेय वेतन नहीं मिल पायाहै । 7 माह पूरे होने के बावजूद वेतन नहीं मिल पा रहा है ।दीपावली जैसे त्यौहार पर भी खाली हाथ रहे । अभी वर्तमान में स्कूलों में परीक्षाओं का दौर चल रहा है ।अतिथि शिक्षक अपनी डयूटी पूरी मुस्तैदी से दे रहे है । वेतन की आस में इंतजार करते हुए काम कर रहे है ।मंहगाई के दौर में अपना घर कैसे चला रहे है वे ही जानते है ।बच्चों की पढाई में दिक्कत, स्कूल फीस जमा करना, कई शिक्षकों ने संस्थागत और गैर संस्थागत स्त्रोत से कर्ज भी लिया है ,कई शिक्षक किराए पर रहते है समय पर किराया देने मे परेशानी आदि समस्याओं से जूझ रहे है । जबकि शासन प्रशासन बेहतर परीक्षा परिणाम की भी मांग करता है ।
इनका कहना है -
अतिथि शिक्षकों के मानदेय के सम्बन्ध में भोपाल बजट की डिमांड की गई है ,फरवरी माह के अंत तक भुगतान की संभावना है ।
निशा मेहरा, सहायकआयुक्त, जनजातीय कार्यविभाग ,झाबुआ