पंजाब में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेंगे 2000 रुपये

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चंडीगढ़। पंजाब में सड़क हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले को राज्य सरकार सम्मान के तौर पर 2000 रुपये देगी। व्यक्ति से पुलिस या अस्पताल प्रशासन तब तक कोई पूछताछ नहीं करेगा जब तक वह खुद चश्मदीद गवाह न बनना चाहे। यह घोषणा पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने की।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की विकास परियोजनाओं की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार फरिश्ते स्कीम शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस योजना के अंतर्गत हादसे के पहले 48 घंटों तक घायल हुए लोगों का मुफ्त इलाज किया जाएगा, भले ही वह किसी भी राज्य का निवासी हो। सरकार सड़क हादसों के शिकार लोगों को निजी अस्पतालों समेत नजदीक के सरकारी अस्पतालों में फ्री इलाज मुहैया करवाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को राज्य में स्थापित किए जा रहे सभी पांच नए मेडिकल कॉलेजों के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने मोहाली स्थित पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलीरी साइंसज (पीआईएलबीएस) में स्थापित की जा रही अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक और मैनेजमेंट सुविधा का जायजा भी लिया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार इलाज के लिए आने वाले लोगों की मदद और सही मार्गदर्शन के लिए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में ‘मरीज सुविधा केंद्र’ स्थापित करने की तैयारी में है। ऐसा एक केंद्र राजिंदरा अस्पताल पटियाला में पायलट आधार पर स्थापित किया जा रहा है।
बैठक में डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि तीन सरकारी अस्पतालों-एमसीएच धूरी अस्पताल, सीएचसी कौहरियां और चीमा अस्पताल को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, एकीकृत पब्लिक हेल्थ लैब, क्रिटिकल केयर ब्लॉक समेत मेडिकल प्रोजेक्टों को अपग्रेड किया जा रहा है। जल्द सभी जिला अस्पतालों, सब-डिवीजन अस्पतालों और कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। 19 जिला अस्पतालों, छह सब-डिवीजन अस्पतालों और 15 कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों (सीएचसी) समेत 40 अस्पतालों को 550 करोड़ रुपये की लागत से अति-आधुनिक सुविधाओं और उपकरणों के साथ अपग्रेड किया जा रहा है।
साभार अमर उजाला

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