इंदौर बनेगा सतत विकास का ग्लोबल मॉडल, नगर निगम और UNAccc के बीच 21 अगस्त को एमओयू

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बीपीएल परिवारों के लिए सस्टेनेबल हाउसिंग प्रोग्राम, ऊर्जा व ईंधन खर्च में 30% तक की बचत का लक्ष्य
इंदौर। स्वच्छता और नवाचार की दिशा में लगातार नए आयाम स्थापित करने वाला इंदौर अब सतत विकास और क्लाइमेट एक्शन का वैश्विक मॉडल बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है। आगामी 21 अगस्त को नगर पालिक निगम, इंदौर और यूनाइटेड नेशन एक्शन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल (UNAccc) के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन होगा। यह कार्यक्रम गुरुवार को सुबह 10 बजे जाल सभा गृह में आयोजित किया जाएगा।

इस एमओयू का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के L.I.F.E. मिशन, स्वच्छ भारत सर्टिफिकेशन और सस्टेनेबल हाउसिंग मिशन नेट ज़ीरो के अनुरूप पहल को आगे बढ़ाना है। इसके तहत बीपीएल और निम्न आय वर्ग परिवारों के लिए सस्टेनेबल हाउसिंग प्रोग्राम लागू किया जाएगा, जो नेट-जीरो एलपीजी, बिजली और ईंधन खर्च पर केंद्रित होगा।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि प्रारंभिक चरण में यह परियोजना 6 माह के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू होगी। यदि यह सफल रहती है तो आगे इसका विस्तार किया जाएगा। योजना का लक्ष्य नागरिकों को पर्यावरण अनुकूल, आत्मनिर्भर और अफोर्टेबल हाउसिंग उपलब्ध कराना है। इसमें स्वच्छ ऊर्जा, हरित तकनीक और सतत विकास के मानकों को अपनाया जाएगा।

नगर निगम और UNAccc का यह संयुक्त प्रयास नागरिकों के बिजली, एलपीजी और वाहन ईंधन पर होने वाले खर्च को कम करने पर केंद्रित होगा। एमओयू के तहत एक परिवार की औसत खर्च में 30% तक की बचत सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया जाएगा।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. श्रीकांत के. पाणिग्राही शामिल होंगे, जो जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ हैं। वे भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र के कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएँ दे चुके हैं और वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में जलवायु परिवर्तन सलाहकार, नीति आयोग की कार्ययोजना समिति के सदस्य सचिव तथा पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के सदस्य हैं। साथ ही वे UNAccc के सह-अध्यक्ष, IISD (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबल डेवलपमेंट) के महानिदेशक, तथा कार्बन माइनस इंडिया (CMI) के निदेशक भी हैं।

पर्यावरण संरक्षण, रणनीतिक योजना और कार्बन फाइनेंस में विशेष विशेषज्ञता रखने वाले डॉ. पाणिग्राही को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी मौजूदगी इस ऐतिहासिक एमओयू को और अधिक महत्वपूर्ण बनाएगी।

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