मध्यप्रदेश में अब कचरा वाहनों को ई-व्हीकल में बदलेंगे, होगी हर माह नौ करोड़ की बचत
भोपाल। मध्य प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में अभी डीजल और सीएनजी से चलने वाले वाहनों से घर घर से कचरा एकत्रित किया जा रहा है। अब इन वाहनों को ई-व्हीकल में बदला जाएगा। इसको लेकर नगरीय संचालनालय ने प्रस्ताव तैयार किया है। इसे अब विभाग को भेजा जा रहा है। इसके तहत अब नगरीय निकायों में कचरा एकत्रित करने के लिए ई-व्हीकल ही खरीदे जाएंगे। ये ना सिर्फ वायु प्रदूषण को कम करेंगे, बल्कि ईधन के ऊपर होने वाले अत्यधिक खर्च को भी कम करेंगे। इस पहल से पर्यावरणीय लाभ यह होगा कि ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कमी लाने में भी मदद मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले वर्षों में सभी वाहनों को ई-व्हीकल में बदलने का काम किया जाएगा।
नगरीय निकाय विभाग केंद्र सरकार की मदद से ई-व्हीकल को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चलाएगा। इसके लिए शुरुआत में 250 ई-व्हीकल खरीदे जाएंगे। इन वाहनों को किसी शहर को चिन्हित कर पायलट प्रोजेक्ट के तहत वहां संचालित किया जाएगा। इसके लिए उन शहरों में चार्जिंग स्टेशन समेत अन्य सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी।
प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में कचरा एकत्रित करने के लिए 6 हजार से ज्यादा वाहनों का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक वाहन के ईंधन पर अभी पूरे प्रदेश में 30 लाख रुपये का खर्च आता है। यह राशि एक माह में करीब 9 करोड़ रुपये होती है। ई-व्हीकल के उपयोग से ईंधन पर खर्च होने वाली बड़ी राशि की बचत होगी।
विभाग नगरीय निकायों में पुराने और कंडम वाहनों को रेट्रोफिटिंग के जरिए ई-व्हीकल में बदलने पर भी विचार कर रहा है। अभी कई नगरीय निकायों में छोटे वाहन खराब पड़े हैं। इन वाहनों को ई-व्हीकल में बदला जाएगा। जिनका इस्तेमाल घर घर कचरा संग्रहण किया जाएगा।
साभार अमर उजाला