चौथी बार मिला मनोज बाजपेयी को नेशनल अवॉर्ड

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भारत सरकार से मिला सम्मान इस देश में किसी भी इंसान के लिए बहुत बड़ी बात होती है, फिर चाहे वो खेल में हो या फिल्मों में. आज तक कई ऐसे कलाकार रहे हैं, जिन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. लेकिन कुछ ही उनमें से हैं, जिन्हें बार-बार अपने काम के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला है. उन्हीं में से एक नाम मनोज बाजपेयी का है.
मनोज बाजपेयी का फिल्मी करियर काफी लंबा और धुआंधार रहा है. उन्होंने कई लाजवाब फिल्मों में अपनी एक्टिंग के टैलेंट से लोगों को अपने काम का मुरीद बनाया है. फिर चाहे वो 'गैंगस् ऑफ वासेपुर' का सरदार खान हो या 'फैमिली मैन' का श्रीकांत तिवारी. मनोज हर रोल में लोगों को भाए हैं. 1994 से एक फिल्म में छोटे रोल को करने से लेकर अब तक उन्होंने बहुत सी हिंदी फिल्मों में काम किया है. साल 1998 में आई उनकी फिल्म 'सत्या' से उन्हें लोगों ने पहचानना शुरू किया और आज वो हर घर में प्रचलित हैं. 
70वें नेशनल अवॉर्ड के लिए भारत सरकार ने कुछ समय पहले नामों की घोषणा की थी, जिसमें कुछ नामों में से एक नाम मनोज बाजपेयी का भी था. मनोज बाजपेयी और शर्मिला टेगोर की फिल्म 'गुलमोहर' को इस बार तीन नेशनल अवॉर्ड मिलने की घोषणा की गई थी. इसमें फिल्म को 'बेस्ट फीचर फिल्म हिंदी', 'बेस्ट स्क्रीनप्ले डायलॉग' और 'स्पेशल मेंशन (फीचर फिल्म)' के लिए चुना गया. इस खास मौके पर मनोज का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो नेशनल अवॉर्ड जीतने की खुशी को साझा कर रहे हैं. 
मनोज ने कहा, 'मुझे जब तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिला था, तब भी मेरा रिएक्शन ऐसा ही था नेशनल अवॉर्ड की खबर पाकर जैसे चौथी बार है. मैं हमेशा कहता हूं कि जब मैं मंच कर रहा था कि एक बार ये (नेशनल अवॉर्ड) मिल जाए तो जीवन धन्य हो जाएगा. और आज ऊपर वाले की कृपा से चौथी बार मुझे गुलमोहर के लिए अवॉर्ड मिला है. तो मैं अपने आप को इस समय बहुत भाग्यशाली कलाकार मानता हूं, जिसे चौथी बार नेशनल अवॉर्ड प्राप्त हो रहा है. मेरे लिए खुशी का क्षण ये भी है कि चौथी बार के समय में मेरी पत्नी पहली बार वहां उपस्थित रहेंगी. पिछली तीन बार में वो नहीं थी, चौथी बार में वो आई हैं तो आप समझ सकते हैं कि ये चौथी बार जो नेशनल अवॉर्ड मिला है वो कितना महत्वपूर्ण है.'
साभार आज तक

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