आचार संहिता में मेट्रो के काम की धीमी हुई रफ्तार
इंदौर। आचार संहिता लगने से पहले इंदौर में मेट्रो का काम रात-दिन चल रहा था,क्योकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द से जल्द ट्रायल रन कराना चाहते थे, लेकिन चुनावी माहौल में काम पर ब्रेक लग गया। अब इक्का-दुक्का कर्मचारी ही काम करते नजर आ रहे है। न स्टेशनों पर काम हो रहा है और न भूमिगत हिस्से में निर्माण की हलचल शुरू हुई है। अगले साल गांधी नगर डिपो से रेडिसन चौराहा तक 17 किलोमीटर लंबाई में ट्रायल रन होना है, लेकिन काम की यह गति रही तो ट्रायल रन मुश्किल है।
छह किलोमीटर लंबे प्रायरिटी काॅरिडोर के ट्रायल रन के बाद मेट्रो कार्पोरेशन के अफसरों ने कहा था कि उनका फोकस गांधी नगर से रेडिसन होटल तक 17 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण पूरा करने पर होगा,लेकिन विजय नगर चौराहे पर स्टेशन बनाने का काम अधूरा पड़ा है। रेडिसन चौराहे पर क्रेन तो लगा दी गई, लेकिन दोनो सिरों को अभी तक नहीं जोड़ा गया है।
सुपर काॅरिडोर के आठ लेन ब्रिज और एमआर-10 ब्रिज रेलवे क्रासिंग पर मेट्रो के ट्रेक आपस में नहीं जुड़ पाए है,क्योकि इस हिस्से में काम के लिए रेल विभाग की अनुमति भी लगती है। अभी तक इस हिस्से में काम ही नहीं हो पाया है।
नाथ मंदिर रोड से बड़ा गणपति तक अंडरग्राउंड मेट्रो की लाइन बिछाई जाना है। इसके टेंडर भी जारी होना थे, लेकिन आचार संहिता के कारण मामला अटक गया। अंडरग्राउंड रुट का सर्वे पूरा हो चुका है। हाईकोर्ट परिसर में इसके लिए बडा और गहरा गढ्डा खोदा जाएगा। अभी खोदाई कर मिट्टी का परीक्षण किया ज रहा है। इंदौर में 31 किलोमीटर लंबे रुट का निर्माण हो रहा है। आने वाले समय में पीथमपुर और उज्जैन तक मेट्रो का संचालन संभव होगा। इसके लिए सर्वे हो चुका है।
साभार अमर उजाला

