रामनिवास रावत हारे
मप्र में भाजपा सरकार में मंत्री रामनिवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से उप चुनाव हार गए हैं।
उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने सात हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है।
ये हार बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। खास तौर पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के लिए ये हार चिंता की बात है क्योंकि वे मूलतः इसी चंबल क्षेत्र के मुरैना के ही रहने वाले हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के लिए भी यह हार असहज करने वाली है क्योंकि अब उन्हें अपने मंत्री से इस्तीफ़ा लेना पड़ेगा।
दलबदल करके भाजपा में आने पर रावत को विधानसभा से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। उसके बाद उन्हें कुछ समय पहले बिना विधायक बने केबिनेट मंत्री बनाया गया था।
(कोई भी व्यक्ति बिना विधायक/ सांसद बने छह महीने तक मंत्री रह सकता है।)
कांग्रेस के टिकिट पर छह बार विधायक और मंत्री रहे रामनिवास प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे। 2023 में भी वे कांग्रेस के टिकिट पर इसी सीट से चुनाव जीते थे।
लोकसभा चुनाव के बीच रावत ने उस दिन कांग्रेस छोड़ी थी जिस दिन राहुल गांधी चम्बल इलाके में आमसभा करने आए थे।
उप चुनाव हारने के बाद रावत का सियासी भविष्य फिलहाल संकट में आ गया है।
कांग्रेस की जीत के लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह और पूर्व विधायक नीटू सिकरवार की मेहनत को श्रेय दिया जा रहा है।
#प्रसंगवश:
१) रामनिवास रावत मप्र कांग्रेस की राजनीति में सिंधिया खेमे के माने जाते थे। उन्हें स्व. माधवराव सिंधिया राजनीति में लाए थे। लेकिन जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस छोड़ी तब रावत उनके साथ भाजपा में नहीं गए थे।
यहां तक कि सिंधिया के दलबदल के अगले दिन रावत ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्हें कोसा था। बाद में रावत खुद भाजपा में शामिल हो गए।
२) रामनिवास रावत जब कांग्रेस में थे तब भाजपा के पितृ संगठन RSS की तुलना तालिबान से करते थे। इस बारे में उनका एक बयान खूब चर्चित हुआ था।