सड़क हादसे में 3.32 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपी की संदिग्ध मौत, एसपी ने दिए जांच के आदेश

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दमोह। दमोह शहर के लोको मांगल वार्ड में संचालित सेंट नॉरबर्ट स्कूल में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता के मुख्य आरोपी और स्कूल के पूर्व प्राचार्य फादर पॉल्सन की जबलपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में मौत हो गई। यह घटना 12 फरवरी को तिलवारा थाना क्षेत्र में हुई।
महत्वपूर्ण बात यह है कि फादर पॉल्सन की मौत उसी दिन हुई, जिस दिन शाम को दमोह कोतवाली पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने जबलपुर पुलिस से संपर्क कर मौत के संदिग्ध पहलुओं की जांच करने को कहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने 2017-18 से 2022-23 के बीच अभिभावकों से 3 करोड़ 32 लाख रुपए अवैध रूप से वसूले। यह राशि 'द सोसाइटी ऑफ एबी ऑफ बर्न' नामक संदिग्ध संस्था को छह किश्तों में भेजी गई। प्रबंधन न तो इस संस्था के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी दे पाया और न ही धन हस्तांतरण के नियमों की व्याख्या कर सका।
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त इस स्कूल पर अनुचित फीस वृद्धि, डुप्लीकेट आईएसबीएन वाली किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डालने और सीबीएसई एफिलिएशन नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। स्कूल प्रबंधन का राशि वापसी का दावा जांच में झूठा पाया गया।
मामले में पुलिस ने फादर पॉल्सन के अलावा वर्तमान प्राचार्य फादर अनिल बारा, क्लर्क विनोद मुरप्पा, कोऑर्डिनेटर प्रियंका पीटर, संस्था के संचालक मैनेजर फादर थामस केंडीओ प्रियम और पूर्व मैनेजर फादर अरुलानंदू के खिलाफ धारा 409 और 420 के तहत मामला दर्ज किया है।
साभार अमर उजाला

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