115 किलोमीटर की पंच कोशी यात्रा 3 अक्टूबर से होगी शुरू
हाटपीपल्या से संजय प्रेम जोशी की रिपोर्ट
विगत 36 वर्षों से क्षेत्र से जुड़ी नर्मदा पंच कोशी यात्रा नर्मदा मंदिर पिपरी से शुरू होकर पांच दिवस में 115 किलोमीटर का सफर तय करके इसी स्थान पर समापन होगी। प्राप्त जानकारी अनुसार पूर्व में डॉक्टर रविंद्र भारती चौरे द्वारा आरंभ की गई यह यात्रा लगातार 37 वे वर्ष में प्रवेश कर रही है। शुक्रवार 3 सितंबर को प्राचीन शिव मंदिर में मां नर्मदा का पूजन करते हुए सीता माता मंदिर दर्शन करते हुए रतनपुर मार्ग से जयंती माता मंदिर में प्रथम दिवस विश्राम करेगी अगले दिन 4 सितंबर शनिवार को जयंती माता मंदिर परिसर से वनखंडी हनुमान मंदिर होते हुए पामाखेड़ी में रात्रि विश्राम होगा अगले दिन रविवार 5 सितंबर को पामाखेडी से आरंभ होकर कालदेव होते हुए नर्मदा नगर में यात्रा का विश्राम रहेगा अगले दिन 6 सितंबर सोमवार को नर्मदा नगर से यात्रा फिर से आरंभ होकर पूर्णेश्वर महादेव मंदिर कालसन माता मंदिर रेकलिया से दक्षिण धारा जी पहुंचेगी वहां से नाव द्वारा इस पार आकर धारा जी में विश्राम रहेगा अगले दिन मंगलवार को धारा जी उत्तर से यात्रा आरंभ होगी देवझिरी होते हुए पिपरी में मां नर्मदा मंदिर और औकार ध्वज पूजन करते हुए यात्रा का समापन होगा। यात्रा के दौरान प्रतिदिन सुबह शाम भोजन की व्यवस्था समिति द्वारा रहेगी कुछ आवश्यक सामग्री श्रद्धालु अपने साथ रखेंगे इस दौरान जयंती माता मंदिर में खारी नदी पर वर्तमान में पुल नहीं होने से और नाव की व्यवस्था भी नहीं होने से यह यात्री अत्यधिक पानी में पैदल ही इस मार्ग को पार करेंगे यात्रियों ने प्रशासन से मांग की है। कि समय रहते लकड़ी का पुल वहां पर निर्मित हो जाए तो श्रद्धालुओं को सुविधा रहेगी आगे की यात्रा पैदल पार करते हुए नर्मदा के दक्षिणी छोर पर पहुंचने के बाद नव द्वारा उत्तर छोर पर लाने ले जाने की व्यवस्था समिति द्वारा रहेगी इस दौरान पुलिस प्रशासन से भी समिति द्वारा अपील की गई कि वह सुरक्षा की दृष्टि से धारा जी के इस पर उपस्थित रहे। सभी पद यात्रियों का समापन 7 सितंबर मंगलवार को दोपहर 12बजे नर्मदा मंदिर परिसर पिपरी में पूजन पाठ के साथ होगा।
अलग-अलग पड़ाव पर अलग-अलग व्यवस्था रहेगी
दिलीप चौहान नवलपुर गोपाल यादव दयालपुरा मनोज जोशी बोराव घनश्याम यादव रेक्लिया गिरधर गुप्ता पिपरी में व्यवस्था संभालेंगे।

