कैबिनेट बैठक में प्रदेश की नई पर्यटन नीति को मंजूरी
भोपाल। मध्य प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर को सृजित करने की बहुत संभावना है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति 2025 को स्वीकृति दी। इसका उद्देश्य प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाना है। साथ ही पर्यटन स्थलों में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर पर्यटकों को यादगार अनुभव प्रदान कराना है। इस पॉलिसी के तहत गोल्फ, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस रिसॉर्ट, क्रूज, रीजनल हवाई सेवा, हेरिटेज होटल, रोप-वे, म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इस पॉलिसी में अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं (निवेश 100 करोड़ रुपये से अधिक) को कलेक्टर गाइडलाइन दर पर 90 वर्षों के लिए उपलब्ध भूमि का सीधा आवंटन किया जाएगा। राज्य में किसी भी स्थान पर पर्यटन परियोजनाओं के लिए 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत अधिकतम 90 करोड़ रुपए तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इलेक्ट्रिक कूज को प्रोत्साहित करने के लिए 5% का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
प्रदेश के दुर्गम दूरस्थ नए क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 5 प्रतिशत का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड में निवेश प्रोत्साहन सेल की स्थापना की गई है। पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से निवेशकों को लैंड पार्सल मार्ग सुविधा केन्द्रों और हेरिटेज संपतियों का आवंटन किया जाएगा। वाइल्ड लाइफ रिसॉर्टस के लिए विशेष अनुदान दिया जाएगा।
गोल्फ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत अनुबंध किया जाएगा। इसमें निवेशकों को गोल्फ टूरिज्म की स्थापना के लिए विभागीय भूमि में से अधिकतम 10 प्रतिशत भूमि का सब-लीज पर कमर्शियल उपयोग करने की अनुमति दी जा सकेगी। आवंटित मार्ग सुविधा केंद्र को कम हुई भूमि के बदले बराबर मूल्य की भूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी। नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण, जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस, गेस्ट हाऊस, डाक बंगला, सर्किट हाऊस आदि को पर्यटन परियोजना की स्थापना के लिए निजी निवेशकों को लीज पर दिया जाएगा। स्टार्टअप उद्यमियों को टेंडर में भाग लेने के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
साभार अमर उजाला