इस बार जनगणना में पूछे जाएंगे ये 6 नए सवाल
नई दिल्ली। भारत में होने वाली जनगणना देश की सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय तस्वीर को समझने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस लिहाज से 2027 में होने वाली जनगणना कई मायनों में ऐतिहासिक होगी, क्योंकि यह पहली बार पूरी तरह डिजिटल रूप से आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना होगी। यह 1931 के बाद पहला अवसर होगा जब देश की सभी जातियों का डाटा कलेक्ट किया जाएगा। इस जनगणना में कुछ नए सवाल शामिल किए गए हैं जो आधुनिक जीवनशैली और विकास के मापदंडों पर केंद्रित हैं। इन नए सवालों में घर में इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल और स्मार्टफोन की उपलब्धता, पीने के पानी का स्रोत, गैस कनेक्शन का प्रकार, वाहनों की उपलब्धता और घर में उपयोग होने वाले अनाज का प्रकार शामिल हैं।
क्यों जरूरी हैं ये 6 सवाल?
1. घर में इंटरनेट का कनेक्शन है?- इस सवाल का उद्देश्य डिजिटल कनेक्टिविटी का आकलन करना है। सरकार यह जानना चाहती है कि कितने परिवारों के पास इंटरनेट कनेक्शन है और इसका उपयोग कितने डिवाइस के साथ हो रहा है। यह डेटा डिजिटल इंडिया पहल की प्रगति को मापने में मदद करेगा और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल डिवाइड को समझने में सहायक होगा।
2. मोबाइल फोन और स्मार्टफोन व इनका मालिकाना किसका है?- इस सवाल के तहत यह पूछा जाएगा कि परिवार में कितने मोबाइल फोन और स्मार्टफोन हैं और इनका मालिकाना हक किसके पास है। यह डेटा मोबाइल और स्मार्टफोन की पहुंच को मापने में मदद करेगा, जो शिक्षा, वित्तीय समावेशन और डिजिटल सेवाओं के उपयोग में महत्वपूर्ण है।
3. घर के अंदर पीने के पानी का स्रोत क्या है?- पीने के पानी का स्रोत एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और स्वच्छता संकेतक है। इस सवाल के माध्यम से सरकार यह जानना चाहती है कि परिवार कुएं, हैंडपंप, नल, बोतलबंद पानी या अन्य स्रोतों का उपयोग करते हैं। यह जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं की प्रगति को मापने में सहायक होगा।
4. किस तरह का गैस कनेक्शन है?- इस सवाल में यह पूछा जाएगा कि खाना पकाने के लिए परिवार किस प्रकार के ईंधन का उपयोग करता है- एलपीजी, पीएनजी, लकड़ी, गोबर के कंडे या अन्य। यह स्वच्छ ऊर्जा और उज्ज्वला योजना जैसे कार्यक्रमों की सफलता को समझने में मदद करेगा।
5. कौन-कौन सी गाड़ी है?- इस सवाल के तहत परिवार के पास उपलब्ध वाहनों जैसे साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप या वैन की जानकारी एकत्र की जाएगी। यह डेटा परिवहन और आर्थिक स्थिति के विश्लेषण में सहायक होगा।
6. घर में किस तरह का अनाज प्रयोग करते हैं?- यह सवाल खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति को समझने के लिए शामिल किया गया है। सरकार यह जानना चाहती है कि परिवार मुख्य रूप से गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी या अन्य अनाज का उपयोग करते हैं। यह डेटा मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा देने और खाद्य नीतियों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
डिजिटल जनगणना: एक नया युग
जनगणना 2027 में पहली बार पेपरलेस प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए एक विशेष मोबाइल ऐप और ऑटो-कैल्कुलेशन पोर्टल विकसित किया गया है, जहां लोग अपनी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक यूनिक आईडी नंबर प्रदान किया जाएगा, जो डेटा की गोपनीयता और सटीकता सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, जीपीएस तकनीक का उपयोग करके डेटा कलेक्शन की सटीकता को बढ़ाया जाएगा, और फील्ड सपोर्ट व डायग्नोस्टिक टूल्स की मदद से समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाएगा। आजादी के बाद पहली बार जनगणना 2027 में जातिगत आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे
जनगणना 2027 के आंकड़े न केवल सरकार को नीतियां बनाने में मदद करेंगे, बल्कि 2026 में गठित होने वाले परिसीमन आयोग के लिए भी आधार प्रदान करेंगे। यह आयोग लोकसभा और विधानसभा सीटों के नए सीमांकन के लिए डेटा का उपयोग करेगा, जिससे दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण नीतियों के कारण संसदीय सीटों के नुकसान की आशंका को लेकर बहस शुरू हो गई है।
जनगणना के लिए अधिसूचना जारी
साल 2011 में हुई पिछली जनगणना के 16 साल बाद सरकार ने भारत की 16वीं जनगणना 2027 में कराने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी की जिसमें जाति गणना भी शामिल होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना एक अक्टूबर 2026 की संदर्भ तिथि तथा देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च 2027 की संदर्भ तिथि से की जाएगी।
साभार लाइव हिन्दुस्तान