विराट कोहली ने 14 साल बाद टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा

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नई दिल्ली.  भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, जिससे खेल के लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर अटकलों का दौर खत्म हो गया. वह अब केवल वनडे में खेलेंगे. उनके संन्यास के साथ ही टेस्ट प्रारूप से भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों का बाहर होना जारी है. रविचंद्रन अश्विन (दिसंबर में) और रोहित शर्मा (पिछले सप्ताह) भी इस प्रारूप से संन्यास ले चुके हैं.
36 साल के विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में आखिरी बार ऑस्ट्रेल‍ियाई दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलते हुए नजर आए थे. जहां भारत को 5 मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था. कोहली ने सीरीज के पहले मैच यानी पर्थ टेस्ट में शतक जरूर जड़ा, लेकिन इसके बाद वो संघर्ष करते हुए दिखे थे.
कोहली का ये संन्यास का फैसला ऐसे समय में आया है जब चयनकर्ता कुछ ही दिनों में इंग्लैंड में अगले महीने होने वाली 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम चुनने वाले थे. बता दें कि कोहली ने पिछले साल ही टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया था. 
विराट कोहली का टेस्ट डेब्यू जून 2011 में वेस्टइंडीज के ख‍िलाफ किंग्सटन में हुआ था. कोहली ने तब पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 15 रन बनाए थे. वहीं उनका आख‍िरी टेस्ट ऑस्ट्रेल‍िया के ख‍िलाफ स‍िडनी में था, जो जनवरी 2025 में खेला गया था. इस आख‍िरी टेस्ट में कोहली ने पहली पारी में 17 तो दूसरी पारी में 6 रन बनाए.
किंग कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले हैं. इस दौरान उन्होंने 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए . कोहली ने टेस्ट में 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े हैं.
विराट कोहली ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर संन्यास का ऐलान किया. उन्होंने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट में पहली बार ब्लू जर्सी पहने हुए 14 साल हो चुके हैं. ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह फॉर्मेट मुझे किस सफर पर ले जाएगा. इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर साथ रखूंगा. सफ़ेद कपड़ों में खेलना एक बहुत ही निजी अनुभव है. शांत परिश्रम, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता लेकिन जो हमेशा आपके साथ रहते हैं.'
कोहली ने आगे कहा, 'जब मैं इस फॉर्मेट से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है - लेकिन यह सही लगता है. मैंने इसमें अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा दिया है. मैं खेल के लिए, मैदान पर खेलने वाले लोगों के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए आभार से भरा दिल लेकर जा रहा हूं जिसने मुझे इस सफर में आगे बढ़ाया. मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा.'
कोहली ने लगाए हैं 7 दोहरे शतक
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 7 दोहरे शतकों के साथ इस प्रारूप के दिग्गज के रूप में अपनी पहचान बनाई जो किसी भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे अधिक है. वह महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (4), सचिन तेंदुलकर (6), वीरेंद्र सहवाग (6) और राहुल द्रविड़ (5) से काफी आगे है.
ऐसे समय में जब टी20 लीग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी लोकप्रिय और सबसे ज्यादा देखी जाने वाला टूर्नामेंट बन गई तब कोहली के जादू ने प्रशंसकों को टेस्ट क्रिकेट से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाई. यह बात सर विव रिचर्ड्स ने भी स्वीकार की जिनके साथ अक्सर उनकी तुलना की जाती थी.
जानें कैसा रहा कप्तानी का रिकॉर्ड
विराट टेस्ट इतिहास में भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं. विराट ने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की जिसमें 40 में टीम को जीत हासिल हुई. कोहली ने जब कप्तानी संभाली थी, तब भारतीय टीम सातवें स्थान पर थी. लेकिन खुद एवं साथी खिलाड़ियों की मेहनत की बदौलत कोहली ने वर्ल्ड नंबर-1 पॉजिशन पर पहुंचाया था.
विराट कोहली का इंटरनेशनल  क्रिकेट कर‍ियर 
123 टेस्ट, 210 पारी, 9230 रन, 46.85 एवरेज, 30 शतक, 31 अर्धशतक 
302 वनडे, 290 पारी, 14181 रन, 57.88 एवरेज, 51 शतक, 74 अर्धशतक, 5 
125 टी20, 117 पारी, 4188 रन, 48.69 एवरेज, 1 शतक, 38 अर्धशतक, 4. 
साभार आज तक

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