मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों के छात्रों को मेडिकल दाखिले में मिलेगा आरक्षण

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी स्कूल के छात्रों को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीट के जरिए मेडिकल कॉलेजों में दाखिला होने के कारण सरकारी स्कूलों के बच्चे डॉक्टर नहीं बन पा रहे हैं। इस पर गौर करते हुए देश में पहली बार मध्य प्रदेश की सरकार ने फैसला किया है कि इस साल से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मेडिकल स्नातक पाठ्यक्रमों (एमबीबीएस, बीडीएस आदि) में दाखिले के लिए पांच फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। सीएम के ऐलान से साफ है कि सूबे में मेडिकल की पांच फीसदी सीटों पर केवल सरकारी स्कूल के बच्चों को ही दाखिला मिलेगा। 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेडिकल स्नातक पाठ्यक्रमों (एमबीबीएस, बीडीएस आदि) में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पांच फीसदी आरक्षण की पहलकदमी की हिमायत करते हुए कहा कि गरीब पृष्ठभूमि के बच्चों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। इस पहल से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को प्रोत्साहन मिलेगा। सनद रहे मध्य प्रदेश देश का वह पहला सूबा है जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में शुरू किए जाने की पहल की गई है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार बच्चों को पढ़ाई के लिए साइकिल, स्कूटी, लैपटाप देने के साथ ही उन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने में भी मदद कर रही है। मध्य प्रदेश सरकार 8 लाख रुपये तक की आमदनी वाले गरीब परिवारों के मेधावी छात्रों की मेडिकल, इंजीनियर जैसे पाठ्यक्रमों की फीस भी भर रही है। अब प्रदेश में मेडिकल पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए शासकीय शालाओं के होनहार बच्चों को मेडिकल 5 प्रतिशत आरक्षण की पहल भी कर रही है। उनकी सरकार में जनकल्याण और विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। 
साभार  लाइव हिंदुस्तान

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