लगातार हो रहे हादसों के बाद इंदौर में स्कूली बच्चों के वाहनों का डेटाबेस तैयार होगा

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इंदौर। इंदौर में लगातार हो रहे स्कूल बसों के हादसे के बाद प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इंदौर शहर में स्कूल के बच्चों को लाने छोड़ने वाले सभी वाहनों का डेटाबेस तैयार करें। गौरतलब है कि इंदौर में लगातार स्कूल बसें हादसे का शिकार हो रही हैं। पालकों की बढ़ती चिंता के बीच अब इंदौर प्रशासन ने स्कूल वाहनों का डेटाबेस तैयार करने का निर्णय लिया है। 
कलेक्टर कार्यालय में हुई बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों से बच्चों को लाने ले जाने वाले सभी वाहनों का डेटाबेस तैयार किया जाए। ऐसे वाहन जो स्कूल में संलग्न नहीं है परन्तु वह बच्चों को स्कूल लाने ले जाने का कार्य करते हैं उनकी अलग से सूची बनाई जाए। इसके साथ सिंह ने एक दूसरे मामले में निर्देश दिए कि किसी भी हाल में 15 फरवरी से रेती मंडी नए स्थान पर और 16 फरवरी से नायतामुंडला में नया बस स्टैण्ड प्रारंभ हो जाए। इसके पहले सभी आवश्यक तैयारियां एक-दो दिन में पूर्ण कर लें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इंदौर को 15 फरवरी तक बाल भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए चल रहे अभियान को और अधिक गति दी जाएगी। अभियान को गति देने के लिए सभी एडीएम और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी जुड़ेंगे। इस अभियान के तहत सभी चौराहों और मंदिरों को बाल भिक्षुकों से मुक्त करने की कार्यवाही की जा रही है। भिक्षावृत्ति से मुक्त कराई जा रहे बच्चों के शिक्षण और पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिले में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण नहीं करने पर अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जिले के स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने में लगे वाहनों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा।
साभार अमर उजाला

 

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