कतर के बाद तुर्की होगा इजरायल का अगला टारगेट?

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इस्तांबुल। क्या इजरायल के निशाने पर अब तुर्की भी आ सकता है? ऐसी आशंकाएं इसलिए जाहिर की जा रही हैं क्योंकि कतर पर हमले के बाद इजरायल के कुछ कूटनीतिज्ञों और नेतन्याहू के करीबियों ने ऐसी बातें कही हैं। बीते दिनों ही कतर पर इजरायल ने हमले किए थे और इसके बाद अमेरिका तक ने ऐतराज जताया था। इसके अलावा दुनिय के 60 इस्लामिक देशों की कतर की राजधानी दोहा में ही मीटिंग भी हुई थी। लेकिन इजरायल के आरोप हैं कि कतर की तरह ही हमास के कुछ कमांडरों ने तुर्की में भी शरण ले रखी है। बेंजामिन नेतन्याहू खुद कह चुके हैं कि आतंकियों को संरक्षण देने वाले किसी भी देश को बख्शा नहीं जाएगा।
इस बीच वॉशिंगटन में अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टिट्यूट में सीनियर फेलो माइकल रुबिन का बयान आया है। उनका कहना है कि कतर के बाद अब अगला निशाना तुर्किये हो सकता है। यही नहीं उन्होंने कहा कि तुर्की यदि नाटो की मेंबरशिप के भरोसे बैठा हुआ है तो कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि तुर्की को इस मेंबरशिप से ही कोई फायदा नहीं मिलने वाला। इसके अलावा सोशल मीडिया पर इजरायली अकादमिक जगत की हस्ती मियर मासरी ने कहा, 'आज कतर और कल तुर्की।' इस पर तुर्की की ओर से तीखा रिएक्शन भी आया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन के सलाहकार ने लिखा, 'जल्दी ही इजरायल दुनिया के नक्शे से खत्म हो जाएगा। फिर इन्हें पता चलेगा।'
दरअसल बीते कई महीनों से इजरायली मीडिया में तुर्की के खिलाफ लिखा जाता रहा है। तुर्की की ओर से भी हमास को समर्थन की बात कही जाती रही है, जिसे लेकर इजरायल नाराज रहा है। इजरायल का कहना है तुर्की की हरकतें ऐसी ही रहीं तो वह अब हमारा अगला निशाना हो सकता है। वह हमारा सबसे खतरनाक दुश्मन साबित हो रहा है। इजरायल का कहना है कि पूर्वी भूमध्य सागर में तुर्की एक खतरा है। सीरिया को इजरायल पहले ही अपने पाले में लाने की तैयारी कर चुका है। ऐसे में उसे लगता है कि तुर्की को अब टारगेट किया जाए। हालांकि ऐसा कुछ भी करना क्षेत्र में एक बड़े युद्ध को जन्म दे सकता है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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