मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया देश के पहले पुलिस कमिश्नरेट में स्थित सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र का लोकार्पण

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प्राचीन सोच को नूतन नवीन रूप से कायम कर समाज में आत्मीयता पूर्ण माहौल स्थापित करती है मध्यस्थता — मुख्यमंत्री डॉ. यादव
इंदौर में 22 मध्यस्थता केंद्रों में 125 मध्यस्थ के द्वारा 5000 से अधिक मामलों को सुलझाया गया
इंदौर। हमारे देश की प्राचीन सोच को नूतन नवीन रूप से कायम कर समाज में आत्मीयता पूर्ण माहौल बनाने के लिए मध्यस्थता की वर्तमान समय की मांग हैं। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में देश के पहले पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में स्थित सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र के लोकार्पण के अवसर पर कही।
      मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यस्थता से ना केवल मामलों का निपटारा होता है अपितु समाज में आपसी विश्वास पैदा होता हैं। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता की सोच को मध्य प्रदेश सरकार गांवों तक ले जाने के प्रयास करेगी जिससे गांवों में भी परस्पर सौहार्द्र का माहौल बन सके।  उन्होंने कहा कि सामाजिक तानेबाने से सुचारू संचालन के लिए जरूरी है कि पारिवारिक रिश्तों की मजबूती बने रहे। उन्होंने इंदौर पुलिस कमिश्नरेट, जिला प्रशासन और विधिक सेवा प्राधिकरण को बधाई देते हुए कहा कि यह पुण्य कार्य के लिए सराहनीय मॉडल है। 


        आज पुलिस कमिश्नरेट इन्दौर एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इन्दौर के संयुक्त तत्वावधान में कार्यालय पुलिस आयुक्त पलासिया में नवनिर्मित सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के द्वारा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति एवं कार्यपालिक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण म.प्र. उच्च न्यायालय जस्टिस श्री संजीव सचदेवा एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति, म.प्र. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय मध्यस्थता समिति जस्टिस श्री विवेक रूसिया की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस दौरान जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट , सांसद श्री शंकर लालवानी, उच्च न्यायालय के जजेस, संभागायुक्त श्री दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर श्री संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं इंदौर के मध्यस्थ उपस्थित रहें।
मध्यस्थता समझौता कराने के साथ मानवीय रिश्तों को मजबूत बनती है
 कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति एवं कार्यपालिक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण म.प्र. उच्च न्यायालय जस्टिस श्री संजीव सचदेवा ने कहा कि मध्यस्थता विवादो में समझौता कराने के साथ साथ मानवीय रिश्तों को मजबूत करने का भी कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में इसे मीडिएशन की संज्ञा दी गई है जबकि भारत में वर्षों से पंच सरपंचों द्वारा विवादों के मामले में समझौता किया जा रहा हैं। 
इंदौर में 22 मध्यस्थता केंद्रों में 125 मध्यस्थ के द्वारा 5000 से अधिक मामलों का सुलझाया गया
 प्रशासनिक न्यायाधिपति, म.प्र. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय मध्यस्थता समिति जस्टिस श्री विवेक रूसिया ने बताया कि इंदौर में इंदौर में 22 मध्यस्थता केंद्रों में 27 विभिन्न सामाजिक समूहों के 125 मध्यस्थ के द्वारा 5000 से अधिक मामलों का सुलझाया गया। उन्होंने बताया कि इंदौर देश का एकमात्र शहर है जहां कलेक्टर कार्यालय एवं कमिश्नर कार्यालय में मध्यस्थता केंद्र स्थापित हैं। कमिश्नर कार्यालय में पिछले 4 माह से ट्रायल के आधार पर मध्यस्थता केंद्र का संचालन किया जा रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम आने पर आज मूर्त रूप से इसका लोकार्पण किया गया हैं।
सम्मान स्वरूप प्रतीक चिन्ह भेंट
      कार्यक्रम के अंत में पुलिस कमिश्नर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सम्मानस्वरुप से प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।

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