नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसा : चश्मदीदों ने बताया, ऐसा लगा कि दम घुट जाएगा... हम नहीं बच सकेंगे
नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात दर्दनाक हादसा हुआ। स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई। हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक घायल हो गए हैं। घटना के चश्मदीद भी सामने आए हैं। चश्मदीदों ने बताया कि ऐसा लगा कि दम घुट जाएगा, हम बच नहीं सकेंगे। शुक्र है कि किसी तरह जान बचा सके।
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद चश्मदीद भी सामने आए हैं। महाकुंभ के लिए निकला दिल्ली के संगम विहार का एक परिवार भी भगदड़ में फंस गया था। परिवार की एक महिला ने बताया कि वे लोग एक घंटे तक भीड़ में दबे रहे। ऐसा लगा कि दम घुट जाएगा, हम बच नहीं सकेंगे। शुक्र है कि किसी तरह जान बचा सके।
एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि हालात खराब थे। कई लोग गिर गए और दब गए। कुछ ट्रेन के आगे गिरे। एक यात्री ने कहा, मैं एक घंटे पहले से प्लेटफॉर्म पर खड़ा था, लेकिन ट्रेन में नहीं चढ़ पाया। इतनी भड़ी थी... टॉयलेट में, सीढ़ियों पर हर जगह लोग भरे हुए थे। मदद करने के लिए प्लेटफॉर्म पर कोई नहीं था।
वहीं एक और महिला यात्री ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह भी नहीं थी। इस कारण ये था कि जिनके पास टिकट नहीं था वह भी ट्रेन में बैठे थे और जिनकी सीट रिजर्व थी वो बाहर खड़े थे। महिला के मुताबिक, एक पुलिसकर्मी ने कहा कि यहां से जान बचाकर निकल जाओ।
धर्मेंद्र सिंह ने कहा, मैं प्रयागराज जा रहा था लेकिन कई ट्रेनें देरी से चल रही थीं या रद्द कर दी गई थीं। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। इस स्टेशन पर मैंने पहले इतनी भीड़ कभी नहीं देखी। मेरे सामने ही छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाया गया।
प्रमोद चौरसिया ने कहा, मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस का स्लीपर क्लास का टिकट था। कन्फर्म टिकट वाले लोग भी ट्रेन में नहीं चढ़ पाए। मेरे एक दोस्त और एक महिला यात्री भीड़ में फंस गए। बहुत ज़्यादा धक्का-मुक्की हुई। हम अपने बच्चों के साथ बाहर इंतजार करके सुरक्षित रहने में कामयाब रहे।
सूत्रों के मुताबिक, जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी, उस दौरान प्लेटफॉर्म पर काफी लोग इकट्ठा थे। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी भी लेट थीं। इसकी वजह से इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर पहुंच गए थे।
जानकारी के मुताबिक रेलवे ने हर घंटे सीएमआई के हिसाब से 1500 जनरल टिकट बेचे गए, इसलिए भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर-14 और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हालत दोपहर तीन बजे से ही खराब होने शुरू हो गए थे। भीड़ में लोग आगे-पीछे ना ही जा रहे थे और न ही हिल पा रहे थे। ऐसे में ट्रेन छूटने का डर भी था। ये भी भगदड़ का दूसरा कारण था।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि भारी संख्या में लोग थे, मगर पुलिस और रेल प्रशासन की तरफ से भीड़ को संभालने के कोई इंतजाम नहीं थे। इक्का-दुक्का पुलिसकर्मी ही दिखाई दे रहे थे। ऐसे में लोग अपनी मनमर्जी चल रहे थे। लोगों का कहना है कि प्लेटफार्म पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी होते तो शायद हादसा नहीं होता।
उधर, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुआ दर्दनाक हादसे को लेकर दिल्ली पुलिस व रेल प्रशासन आमने-सामने आ गया है। देर रात हादसे की वजह भी सामने आ गई। प्रयागराज जाने वाले दो ट्रेन पहले से लेट थीं। इन ट्रेनों के यात्री प्लेटफार्म नंबर-14 पर इंतजार कर रहे थे। तभी रेल प्रशासन ने प्रयागराज के लिए नई दिल्ली से जाने की घोषणा कर दी।
ट्रेन का एलान होते ही यात्री प्लेटफार्म नंबर 14 से 16 की तरफ भागने लगे। इससे भगदड़ मच गई। ट्रेन तक पहले पहुंचने के चक्कर में लोग एक-दूसरे को रौंदते रहे। लोग सीढ़ियों, प्लेटफार्म पर पटरियों पर भी गिर गए। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों के अंग भी कटे हैं।
साभार अमर उजाला