10 घंटे में पुलिस ने नवजात को सकुशल बरामद किया, डीआईजी ने रखा नाम ‘आध्या’
शिवपुरी से ऋषि गोस्वामी की रिपोर्ट
शिवपुरी जिला अस्पताल से बुधवार सुबह लापता हुई नवजात बच्ची को पुलिस ने अपनी तत्परता और सूझबूझ से मात्र 10 घंटे में सागर से सुरक्षित बरामद कर लिया। इस कार्रवाई में शिवपुरी और सागर पुलिस की संयुक्त टीम ने उत्कृष्ट समन्वय दिखाया। बच्ची के अपहरण में शामिल महिला को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
जांच में सामने आया है कि आरोपी महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर नवजात को बेचने की योजना बनाई थी। ग्वालियर जोन के आईजी अरविंद कुमार सक्सेना और डीआईजी अमित सांघी के निर्देशन में की गई इस त्वरित कार्रवाई ने सभी को राहत की सांस दी। गुरुवार देर शाम जब पुलिस टीम नवजात को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, तो वहां मौजूद डीआईजी अमित सांघी और एसपी अमन सिंह राठौड़ ने बच्ची को उसकी मां की गोद में सौंपा।
अपनी लाडली को देखकर मां की आंखें खुशी से नम हो उठीं। इस भावनात्मक क्षण में डीआईजी अमित सांघी ने बच्ची का नामकरण करते हुए उसका नाम ‘आध्या’ रखा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी महिला शारदा आदिवासी का टीकमगढ़ जिले के महरौनी निवासी राहुल जाटव से संपर्क था। दोनों लंबे समय से जुड़े थे और नवजात को बेचने की साजिश में शामिल थे।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। डीआईजी सांघी ने बताया कि रिमांड अवधि में आरोपी से गहन पूछताछ की जाएगी ताकि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और संवेदनशीलता से न केवल एक मासूम की जान बची, बल्कि एक मां की गोद फिर से भर गई। अब ‘आध्या’ अपनी मां के साथ सुरक्षित है — यह सफलता पुलिस की सतर्कता और समर्पण की मिसाल बन गई है। ????

