Category : Dharm

संतुलित आज्ञा चक्र से ही कुंडलिनी जागरण संभव है

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छठा चक्र आज्ञा चक्र कहलाता है।  इसकी केवल दो पंखुड़ियाँ होती हैं। .. इस केन्द्र को वहाँ स्थित किया गया है जहाँ मस्तिष्क में दोनों दृकतंत्रिकायें एक दूसरे को पार करती हैं। यह केन्द्र पियुष (पिट्यूटरी) ...

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जीजस का गुण क्षमादान, आत्मसाक्षात्कार प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है

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जब यीशु का जन्म हुआ तब माँ मरियम कुंआरी थीं। मरियम जोसेफ नामक बढ़ई की धर्म पत्नी थीं। मरियम के गर्भवती होने का पता चलने पर जोसेफ के मन‌ में मारिया पर अविश्वास जागा था लेकिन स्वप्न में ईश्वर ने जोसेफ क...

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